दस मई को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण हेतु न्यायिक अधिकारीगण के साथ बैठक का हुआ आयोजन
उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, सतेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के तत्वाधान में 10 मई,को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण हेतु

हाथरस। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, सतेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के तत्वाधान में 10 मई,को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण हेतु अपर जनपद न्यायाधीश, नोडल अधिकारी महेन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव, प्रशान्त कुमार की उपस्थिति में न्यायिक अधिकारीगण के साथ बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, संजीव कुमार त्रिपाठी, सिविल जज(व.प्र.) जयहिन्द कुमार सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, आकांक्षा गर्ग, अपर सिविल जज (व.प्र.) दीपक नाथ सरस्वती, सिविल जज(व.प्र.), एफ.टी.सी., हाथरस, अनु चैधरी, सिविल जज (क.प्र.), श्रुति त्रिपाठी, सिविल जज (क.प्र.),एफ.टी.सी.,प्रथम, शिव कुमार यादव, उपस्थित रहे। अपर जनपद न्यायाधीश, नोडल अधिकारी, लोक अदालत, महेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित समस्त न्यायिक अधिकारीगण से न्यायालयों द्वारा अब तक पक्षकारों को जारी किये गये नोटिसों की माॅनिटरिंग की गयी तथा तामीला की स्थिति तथा लोक अदालत में निस्तारण हेतु तैयार वादों के सम्बन्ध में जानकारी की गयी। नोडल अधिकारी द्वारा समस्त न्यायिक अधिकारीगण को इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित ऐसे वाद जिनका निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर किया जा सकता है उनमें अधिक से अधिक संख्या में नोटिस पक्षकारों को भेजने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वाद जो काफी पुराने हैं, उनका निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर सुलह-समझौते के माध्यम से करने का प्रयास करें। जिससे इस राष्ट्रीय आयोजन को सफल बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त 26 अप्रैल, 2025 को प्रस्तावित लघुआपराधिक वादों की विशेष लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया।