अजा एकादशी पर श्रीहरि की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है
घर में सुख और समृद्धि आती है. अजा एकादशी का व्रत राजा हरिश्चंद्र ने भी रखा था, जिसके कारण उनके जीवन में खुशियों की बहार आई.
अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Bhadrapad Ekadashi 2024) के दिन रखते हैं. अजा एकादशी पर श्रीहरि की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है. इस साल अजा एकादशी व्रतियों के लिए बेहद खास मानी जा रही है.मान्यता है कि इन दुर्लभ संयोग में विष्णु जी (Vishnu ji) की पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा. इस साल अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 को है. अजा एकादशी पर कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं, आइए जानते हैं.अजा एकादशी पर सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा है. मान्यता है कि इन शुभ संयोग में अजा एकादशी का व्रत करने से गरीबी दूर होती है. घर में सुख और समृद्धि आती है. अजा एकादशी का व्रत राजा हरिश्चंद्र ने भी रखा था, जिसके कारण उनके जीवन में खुशियों की बहार आई.
- सर्वार्थ सिद्धि योग – 29 अगस्त, शाम 04:39 – सुबह 05:58, 30 अगस्त
- सिद्धि योग – 28 अगस्त 2024, रात 07.12 – 29 अगस्त 2024, शाम 06.18
- गुरुवार और एकादशी दोनों ही विष्णु जी को समर्पित है. इस शुभ संयोग में विष्णु जी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख, धन प्राप्ति और भाग्य का साथ मिलता है.
अजा एकादशी पर करें ये उपाय (Aja Ekadashi Upay)दांपत्य जीवन में खुशहाली चाहते हैं तो अजा एकादशी के दिन तुलसी पौधे की पूजा-अर्चना करना उत्तम फलदायी मानी गई है. तुलसी पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए इस उपाय को करने से व्यक्ति से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है. पति-पत्नी के रिश्ते सुधरते हैं.संतान सुख पाना चाहते हैं तो अजा एकादशी के दिन दंपत्ति संतान गोपाल मंत्र का जाप विशेष रूप से करें. इससे संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है.