अलीगढ़
ऊपरकोट के इलाके में शीशे वाली मस्जिद के पास तीन मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई
मलबे में दबकर भवन स्वामी की मौत हो गई
बरसात का मौसम उन भवनों के लिए खतरा बन रहा है, जो गिराऊ हालत में हैं। अलीगढ़ शहर में करीब 110 ऐसे भवन हैं। इससे भवन में रह रहे और आसपास के लोगों के जीवन को खतरा बना हुआ है। नगर निगम ने बरसात शुरू होने से पहले भवन स्वामियों को नोटिस दिए थे।अलीगढ़ शहर में नगर निगम ने 70 गिरासू भवन चिह्नित हैं। हालांकि, गिरासू भवन की तादाद 110 है। कुछ ऐसे गिरासू भवन हैं, जो घनी आबादी में हैं। ऐसे कई भवन तो बाजार के बीचों-बीच हैं। खिड़की, दरवाजे, दीवारें क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन घरों में करीब 700 लोग रहते हैं। इन भवन स्वामियों को नगर निगम की तरफ से नोटिस दिए जाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। अक्तूबर 2022 को कोतवाली ऊपरकोट के इलाके में शीशे वाली मस्जिद के पास तीन मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई थी। मलबे में दबकर भवन स्वामी की मौत हो गई थी, जबकि तीन लोग घायल हो गए थे। यह इमारत जर्जर हो चुकी थी। इस संबंध में मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने बताया कि जर्जर भवन स्वामियों को नोटिस दिए जा चुके हैं। जल्द ही गिरासू भवन के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
यहां पर हैं जर्जर भवन
ऊपरकोट, कनवरीगंज, रसलगंज, नई बस्ती, रेलवे रोड, मामूभांजा, मदारगेट, सराय सुल्तानी, दुबे का पड़ाव, मानिक चौक, महावीरगंज, सराय सुल्तानी, सराफ बाजार, सराय हकीम, टनटनपाड़ा, खाईडोरा, चौक बुंदू खां, पक्की सराय, जयगंज पीपल वाली गली समेत अन्य इलाके हैं, जहां गिरासू भवन है।
ऊपरकोट, कनवरीगंज, रसलगंज, नई बस्ती, रेलवे रोड, मामूभांजा, मदारगेट, सराय सुल्तानी, दुबे का पड़ाव, मानिक चौक, महावीरगंज, सराय सुल्तानी, सराफ बाजार, सराय हकीम, टनटनपाड़ा, खाईडोरा, चौक बुंदू खां, पक्की सराय, जयगंज पीपल वाली गली समेत अन्य इलाके हैं, जहां गिरासू भवन है।