बिहार के गवर्नर राजेंद्र अर्लेकर को एक युवक ने बड़ी ही महत्वपूर्ण पोस्ट की है. उसने राज्यपाल से पटना कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी
पटना कॉलेज में पुरानी पुस्तकों के रख रखाव पर चिंता जताई, इस पोस्ट को देखकर राज्यपाल ने उस युवक को तुरंत जवाब दिया और पूछा कि क्या आप प्रिंसिपल से मिले हैं?
बिहार के गवर्नर राजेंद्र अर्लेकर को एक युवक ने बड़ी ही महत्वपूर्ण पोस्ट की है. उसने राज्यपाल से पटना कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी किताबों के रख रखाव पर चिंता जताई है. साथ ही उसने राज्यपाल से इस मुद्दे पर ध्यान देने की गुजारिश की है.दरअसल राज्यपाल अर्लेकर के एक्स अकाउंट पर सत्यम राज नाम के एक यूजर ने पोस्ट की है. उसने पटना कॉलेज में पुरानी पुस्तकों के रख रखाव पर चिंता जताई, इस पोस्ट को देखकर राज्यपाल ने उस युवक को तुरंत जवाब दिया और पूछा कि क्या आप प्रिंसिपल से मिले हैं? राज्यपाल ने उससे पूरा विवरण साझा करने को कहा है युवा छात्र ने अपनी पोस्ट में लिखा, “माननीय @rajendraarlekar जी, पटना कॉलेज, बिहार का प्राचीनतम महाविद्यालय है, लेकिन पुरानी पुस्तकों की रख रखाव स्थिति बेहद चिंताजनक है. कॉलेज कैंपस में कुछ नई बुनियादी सुधार और पुस्तकालय के संसाधनों में वृद्धि की ज़रूरत है. इन्हें ठीक से रखा जाना चाहिए. कृपया इस मुद्दे पर ध्यान दें.” इसका जवाब देते हुए महामहिम राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने लिखा, “मुद्दा सही है..did you meet Principal ?
बिहार में मॉर्डन शिक्षा की नींव है पटना कॉलेज आपको बता दें कि पटना कॉलेज की स्थापना 9 जनवरी 1863 को ब्रिटिश काल के दौरान हुई थी. पटना कॉलेज बिहार में हाई एजुकेश के लिए सबसे पुरानी संस्थान है. पटना का लगभग हर प्रमुख कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज, पटना लॉ कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय और पटना साइंस कॉलेज सभी की जड़ें इसी कॉलेज से जुडीं हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि बिहार में मॉर्डन शिक्षा की शुरुआत में पटना कॉलेज का महत्वपूर्ण स्थान है. पटना कॉलेज के छात्रों ने देश विदेश में परचम लहराया है. यहां के छात्र आज कई बड़े संस्थनों में अपना योगदान दे रहे हैं. देश के प्रथम संविधान सभा अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा, बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री व बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह, सर डॉ. गणेश दत्त सिंह, साहित्यकार देशरत्न रामधारी सिंह दिनकर के अलावा कई आईएएस, आईपीएस और नेता इस कॉलेज के छात्र रह चुके हैं.