इंडियन स्टूडेंट्स की भरमार, कनाडा पढ़ने वाले छात्रों में 80 प्रतिशत भारतीय,
इंडियन स्टूडेंट्स को क्यों पसंद आ रहा है कनाडा
इंडिया से बाहर पढ़ने की जब बात आती है तो ज्यादातर छात्र कनाडा जाना चाहते हैं. यहां पढ़ाई के साथ ही नौकरी करके सैटल हो जाने में उन्हें बहुत रुचि होती है. कनाडा को पसंद करने की बहुत सी वजहें हैं जैसे और देशों की तुलना में ये कम महंगा है, यहां की फॉरमैलिटीज तुलनात्मक आसानी से पूरी हो जाती हैं. सबसे बड़ी बात की यहां से पढ़ाई पूरी करने वाले स्टूडेंट्स को यहीं आसानी से प्लेसमेंट भी मिल जाता है. इसी क्रम में कनाडा का एक दूर-दराज का कॉलेज नजर में आया है. इसे इंडियन स्टूडेंट्स बहुत पसंद कर रहे हैं.
ये कॉलेज बना इंडियन स्टूडेंट्स की पसंद
कनाडा का ये कॉलेज यहां के ओंटारियो के एक दूर-दराज शहर टिमिन्स में है. ये शहर से काफी दूर है जहां पहुंचने में बहुत समय भी लगता है लेकिन यहां इंडियन स्टूडेंट्स की भरमार है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पढ़ने वाले कुल स्टूडेंट्स में से 80 परसेंट से ज्यादा इंडियन स्टूडेंट्स हैं. यहां 82 परसेंट स्टूडेंट इंडिया के हैं.
कॉलेज के लिए ठीक है या नहीं?
इस तरह से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर कॉलेज की निर्भरता को ठीक नहीं माना जा रहा है. उसमें भी इंडियन स्टूडेंट्स पर कॉलेज की इस डिपेंडेबिलिटी को कॉलेज के सरवाइवल के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है. अभी कुछ दिन पहले ही इंडिया और कनाडा में विवाद हो गया था. अगर ऐसी कोई कंडीशन उभरती है या उसी विवाद में कुछ ऐसा होता है कि इंडियन स्टूडेंट्स न जा पाएं तो कॉलेज कैसे चल पाएगा क्योंकि सारे स्टूडेंट्स ही इंडिया के हैं.
क्लास में ज्यादातर पंजाबी और गुजराती
नॉदर्न कनाडा में स्थित ये कॉलेज टोरंटो से 8 घंटे की दूरी पर है. यहां रूरल ओंटारियो की तुलना में ज्यादातर स्टूडेंट्स इंडिया के हैं. यहां के कैफीटेरिया में इंग्लिश की जगह हिंदी, पंजाबी और गुजराती ज्यादा सुनाई देती है.
इंडिया जैसा फील आता है
यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्हें कैम्पस से लेकर कैफीटेरिया तक में इंडिया जैसा फील आता है. आसपास मैक्सिमम इंडियन हैं, वहीं की भाषा बोलते हैं और खाना भी इंडियन ही मिलता है. कॉलेज के आसपास स्थित दो इंडियन रेस्टोरेंट्स हैं जो इंडियन फूड सर्व करते हैं. कॉलेज की पढ़ाई भी अच्छी है. यही कारण हैं कि ज्यादातर स्टूडेंट्स यहीं पढ़ने आना चाहते हैं.