उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल यूपी के सियासी समर में कूद गई
पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी गठबंधन ने यूपी की सात लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को एलान कर दिया
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल यूपी के सियासी समर में कूद गई हैं. पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी गठबंधन ने यूपी की सात लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को एलान कर दिया है. पल्लवी पटेल और ओवैसी गठबंधन में उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें पीडीएम यानी पिछड़ा, दलित और मुस्लिम फॉमूले को ध्यान में रखा गया है. इस लिस्ट में एक प्रत्याशी मुस्लिम हैं. पीडीएम मोर्चा की ओर से जारी सूची में बरेली लोकसभा सीट से सुभाष पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है.
अपना दल की लिस्ट में ये नाम शामिल
इसके अलावा हाथरस लोकसभा सीट से जयवीर सिंह धनगर, फिरोजाबाद से प्रेमदत्त बघेल, रायबरेली से मुस्लिम प्रत्याशी हाफिज मोहम्मद मोबीन, भदोही से प्रेम चंद्र बिंद, फतेहपुर सीट से राम किशन पाल और चंदौली लोकसभा सीट से जवाहर बिंद को टिकट दिया गया है. पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद लोकसभा चुनाव में उतरने के एलान किया था, जिसके बाद उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी के साथ गठबंधन किया और अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के जवाब में पीडीएम (पिछड़ा, दलित और मुस्लिम) मोर्चा बनाया. पल्लवी पटेल ने कुर्मी बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतारकर बीजेपी और सपा की राह में रोड़े खड़े कर दिए हैं.
राज्यसभा चुनाव के बाद अलग हुए रास्ते
दरअसल राज्यसभा चुनाव के दौरान पल्लवी पटेल और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच कड़वाहट बढ़ गई थी, जब पल्लवी ने खुलेआम सपा पर पीडीए की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट देने से इनकार कर दिया था. यहीं नहीं वोटिंग के दिन भी उनकी सपा अध्यक्ष से फोन पर तीखी बहस हो गई थी, जिसके बाद अखिलेश यादव नाराज हो गए थे. विवाद के बाद अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फेंस में साफ कर दिया कि उनका पल्लवी पटेल के साथ सिर्फ़ 2022 तक ही गठबंधन था, लेकिन 2024 में उनके साथ कोई गठबंधन नहीं. इसके बाद सपा और अपना दल कमेरावादी की राहें अलग हो गईं थी.