देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद दिल्ली के कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है
पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया
देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद दिल्ली के कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस की ओर से उत्तर पूर्व दिल्ली, शाहीन बाग, जामिया और दूसरे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी की गई है. अधिकारियों ने बताया कि कुछ हिस्सों में पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है, जबकि कुछ इलाकों में फ्लैग मार्च किया जा रहा है.उत्तर पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त जॉय टिर्की ने कहा कि हर एक व्यक्ति की सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए उत्तर पूर्व जिले के पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों की ओर से गहन गश्त और जांच की जा रही है. अधिकारी ने कहा कि सभी से सुरक्षा निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया जाता है,कोई अफवाह न फैलाएं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कड़ी नजर
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की साइबर इकाई भड़काऊ पोस्ट और अफवाहों को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कड़ी नजर रख रही है. दिल्ली में 2020 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर सांप्रदायिक दंगे हुए, जिसमें उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 53 लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
43 हॉट स्पॉट की पहचान की गई
पुलिस के अनुसार पूर्वोत्तर जिले में 43 हॉट स्पॉट की पहचान की गई है. जहां पैदल गश्त की जा रही है. इन इलाकों में सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, खजूरी खास और सीमापुरी शामिल हैं. डीसीपी नॉर्थईस्ट जॉय टिर्की ने कहा हमने अर्धसैनिक बलों की रात्रि निगरानी बढ़ा दी है. किसी को भी कानून व्यवस्था भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने शांति समिति के सदस्यों के साथ करीब 29 बैठकें की हैं ताकि लोग “अफवाहों में न पड़ें. अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को जिले को अधिक अर्धसैनिक बल मिलने पर उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई हिस्सों में जांच और गश्त बढ़ा दी जाएगी.अधिकारी ने कहा कि शाहीन बाग और जामिया नगर, जो सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र थे, वहां भी अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है. दक्षिणपूर्वी दिल्ली में, अर्धसैनिक बलों के जवानों ने फ्लैग मार्च किया और स्थानीय पुलिस ने बाइक पर गश्त की. सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने कम से कम दो सप्ताह पहले सीएए के कार्यान्वयन के लिए सुरक्षा व्यवस्था की थी.
सोमवार को सीएए लागू करने की हुई घोषणा
बता दें कि सोमवार को सीएए को लागू करने की घोषणा की गई है. इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. सीएए नियम जारी होने के साथ, मोदी सरकार अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और शामिल हैं.