वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है,आंखों को हो सकता है गंभीर नुकसान
1 महीने बाद उसे हटा देना चाहिए.सील खुलने के एक निश्चित समय बाद आई ड्रॉप कंटामिनेट हो जाती है.
लखनऊःआजकल वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है,जिसके कारण आंखों से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं.इसके साथ ही, मोबाइल और टीवी का अधिक इस्तेमाल भी आंखों के लिए हानिकारक साबित हो रहा है.इसी के परिणामस्वरूप, छोटी उम्र में चश्मा लगाना पड़ रहा है. अधिकांश लोग आंखों में संक्रमण, आंख की मामूली चोट या ग्लूकोमा जैसी स्थितियों के इलाज के लिए आई ड्रॉप का इस्तेमाल करते हैं.आंख शरीर के महत्वपूर्ण और संवेदनशील अंगों में से एक है. इसके प्रति बरती गई छोटी सी लापरवाही भी आपके लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है. क्या आप जानते हैं कि आई ड्रॉप को कैसे और कितने दिनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है? आइए जानें सब कुछ.लखनऊ सिविल अस्पताल के चीफ फार्मेसिस्ट डॉ. सुनील यादव ने बताया कि जब भी कोई आई ड्रॉप या सीरप की सील खोलता है, तो उसके ऊपर खोलने की तारीख लिख लेनी चाहिए और उसके 1 महीने बाद उसे हटा देना चाहिए. सील खुलने के एक निश्चित समय बाद आई ड्रॉप कंटामिनेट हो जाती है, जिससे संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है.दवा में प्रिजर्वेटिव्स की लाइफ भी निश्चित होती है और अगर बोतल की सील खुलने के 1 महीने बाद दवा का इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचने की संभावना है.
आई ड्रॉप जिस मरीज के लिए आई है वही इस्तेमाल करें
डॉ. सुनील यादव के मुताबिक, आई ड्रॉप का उपयोग करने से पहले हाथों को सैनिटाइजर या साबुन से धोना चाहिए.आई ड्रॉप का उपयोग करने के बाद भी हाथों को धोना चाहिए.ध्यान रखें कि आई ड्रॉप का उपयोग केवल उसी व्यक्ति के लिए होना चाहिए,जिसके लिए है.अगर कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल करता है,तो संक्रमण हो सकता है.आई ड्रॉप डालने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है.
सही रख रखाव जरूरी
डॉ. सुनील यादव के अनुसार, दवाओं का सही रख-रखाव न करने पर उनका असर खत्म हो जाने में ज्यादा देर नहीं लगती.दवाओं को बताए गए तापमान पर ही स्टोर करना चाहिए और मेडिकल स्टोर से दवा लेते समय फार्मासिस्ट की उपस्थिति महत्वपूर्ण है.वह आपको दवा के बारे में सही जानकारी देगा और बताएगा कि दवा कैसे लेनी है और उसका सही रख-रखाव कैसे करना है.