उत्तरप्रदेश

अखिलेश यादव इन झटकों से उबर भी नहीं पाए कि अब एआईएमआईएम चीफ असदउद्दीन ओवैसी यूपी की सियासत में इंट्री

कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे का एलान करेंगे. ओवैसी और पल्लवी पटेल

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले गठबंधन के कई सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ा, फिर उन्हें अपनी ही पार्टी के कई नेताओं की नाराज़गी और बगावत झेलनी पडी. अखिलेश यादव इन झटकों से उबर भी नहीं पाए कि अब एआईएमआईएम चीफ असदउद्दीन ओवैसी यूपी की सियासत में इंट्री कर उनकी मुश्किलें बढ़ाने जा रहे हैं. असदउद्दीन ओवैसी ने अभी तक यूपी में एक भी सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया था, लेकिन आज वह लखनऊ में अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे का एलान करेंगे. ओवैसी और पल्लवी पटेल के तीसरे मोर्चे में जल्द ही कुछ दूसरी छोटी पार्टियों के जुड़ने की भी उम्मीद जताई जा रही है. तीसरे मोर्चे के एलान को लेकर ही ओवैसी आज दोपहर को लखनऊ पहुंच रहे हैं. वैसे अंदरखाने खबर यह भी है कि असदउद्दीन ओवैसी आज की लखनऊ विजिट में यूपी की सियासत में बड़ा दखल रखने वाली एक अन्य नेता से भी मुलाक़ात कर सकते हैं.

तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में पल्लवी
दरअसल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीते दिनों बयान दिया था कि पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल कमेरावादी से इस चुनाव में उनका कोई समझौता नहीं है. अखिलेश यादव के बयान के बाद इंडिया गठबंधन से बाहर होने पर पल्लवी ने मायावती की पार्टी बीएसपी के साथ बातचीत की, लेकिन सीटों को लेकर फंसे पेंच के चलते मामला बन नहीं सका. इस बीच पल्लवी पटेल की बातचीत एआईएमआईएम नेता असदउद्दीन ओवैसी से हुई.टेलीफोन पर सकारात्मक बातचीत के बाद पल्लवी और उनकी पार्टी के कुछ दूसरे पदाधिकारी तीन दिन पहले हैदराबाद गए. हैदराबाद में ओवैसी के घर पर ही हुई औपचारिक बातचीत में यूपी में दोनों पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने और तीसरा मोर्चा बनाकर इसमें कुछ अन्य दलों को भी शामिल किये जाने का फैसला किया गया. जानकारी के मुताबिक़ हैदराबाद गए अपना दल कमेरवादी के नेताओं ने ओवैसी के घर पर रोज़ा इफ्तार भी किया. बहरहाल यूपी की सियासत को लेकर हैदराबाद में चढ़ी हांडी पर तैयार खिचड़ी के औपचारिक एलान के लिए लखनऊ को चुना गया है. विश्वस्त सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक़ ओवैसी आज दोपहर करीब बारह बजे लखनऊ पहुंचेंगे. उससे एक घंटे पहले पल्लवी पटेल नई दिल्ली से लखनऊ आएंगी. लखनऊ में दोनों नेताओं के बीच फिर से अंतिम दौर की बातचीत होगी. कुछ अन्य छोटी पार्टियों को भी साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी. दोपहर ढाई या तीन बजे ओवैसी और पल्लवी पटेल साझा तौर पर प्रेस कांफ्रेंस कर यूपी में तीसरा मोर्चा बनाए जाने का एलान करेंगे.

इन दिग्गज नेताओं से किया संपर्क
इस तीसरे मोर्चे का हिस्सा बनने के लिए आज़ाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर रावण, समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी और डा० अयूब की पीस पार्टी से भी संपर्क किया गया है. हालांकि इनमे से किसी ने भी अभी बहुत रिस्पांस नहीं दिया है. ऐसे में आज तीसरे मोर्चे के औपचारिक एलान के वक़्त इन चारों में से किसी भी नेता के शामिल होने की उम्मीद नहीं है. सूत्रों के मुताबिक़ ओवैसी और पल्लवी पटेल दूसरी छोटी पार्टियों को साथ लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन से अलग मजबूत तीसरा विकल्प तैयार करने की कोशिश करेंगी.    असदउद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का तीसरा मोर्चा क्या गुल खिलाएगा, इसका फैसला तो वक़्त करेगा, लेकिन यह तय है कि यूपी में ओवैसी की इंट्री से अखिलेश यादव की मुश्किलें ज़रूर बढ़ेंगी. कई सीटों पर मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है. मुस्लिम बाहुल्य कई सीटों पर इस बंटवारे का असर भी हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक़ बातचीत में फिलहाल यह तय किया गया है कि पल्लवी पटेल खुद लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी. हालांकि उनके परिवार के कुछ सदस्य ज़रूर दांव आजमाते नज़र आ सकते हैं. ओवैसी का यह तीसरा मोर्चा मुस्लिम – कुर्मी गठजोड़ के समीकरण के ज़रिये बाकी दोनों गठबंधनों को चुनौती देने की कोशिश करेगा.

सियासत में बड़ा दखल
वैसे सूत्रों का दावा है कि ओवैसी आज की लखनऊ विजिट में इसके अलावा भी एक अन्य सियासी धमाका कर सकते हैं. वह यूपी की सियासत में बड़ा दखल रखने वाली एक अन्य पार्टी की मुखिया से भी मुलाकात कर सकते हैं. आम तौर पर दिल्ली रहने वाली यह नेता आज लखनऊ में ही रहेंगी. हालांकि यह मुलाकात अभी फाइनल नहीं है.कुछ लोग बातचीत के लिए मुलाक़ात की खातिर मध्यस्थता कर रहे हैं, लेकिन यह कोशिश कामयाब होगी या नहीं, इस बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. वैसे अगर ये मुलाक़ात होती है और इसमें कोई फैसला होता है तो उसका असर अकेले यूपी ही नहीं, बल्कि देश के कई दूसरे राज्यों में भी पड़ सकता है.ओवैसी के ये सियासी कदम कहीं अंजाम तक पहुंचने से पहले बीच में ही ब्रेक न हो जाएं, इस वजह से उनके लखनऊ दौरे को लेकर खासी गोपनीयता बरती जा रही है.

JNS News 24

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