मण्डल के सभी जिले इन योजनाओं में ए प्लस श्रेणी मे
टी स्कैन सेवाएं, दुग्ध मूल्य भुगतान, दिव्यांग पेंशन, निराश्रित गौ संरक्षण, पशु टीकाकरण, मत्स्य संपदा योजना, निराश्रित महिला पेंशन, कन्या विवाह सहायता योजना,
पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट योजना, खराब ट्रांसफार्मर का प्रतिस्थापन, मनरेगा, बायोमेडिकल रखरखाव, सीटी स्कैन सेवाएं, दुग्ध मूल्य भुगतान, दिव्यांग पेंशन, निराश्रित गौ संरक्षण, पशु टीकाकरण, मत्स्य संपदा योजना, निराश्रित महिला पेंशन, कन्या विवाह सहायता योजना, मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना।डे-एनआरएलएम क्रेडिट लिंकेज, डे-एनआरएलएम बीसी सखी, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, मुख्यमंत्री आवास ग्रामीण की समीक्षा में मण्डलायुक्त ने शिथिल प्रगति पर संबंधित सीडीओ को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जनहित की योजनाओं की वह सतत मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। इसी प्रकार से पंचायतीराज विभाग के 15वां वित्त आयोग एवं 05वें वित्त आयोग की धनराशियों के सदुपयोग एवं व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में खराब प्रगति पर डीडी पंचायत अमरजीत सिंह के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा भेजी गयी धनराशि हम सभी के टैक्स की गाढ़ी कमाई है, जिसका सदुपयोग किया जाना नितांत आवश्यक है।
धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद भी जनहितकारी योजनाओं का संचालन न करना लापरवाही का द्योतक है। उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारियों को क्षेत्र में भेजने और संबंधित बीडीओ से निरंतर मॉनिटरिंग कराए जाने के निर्देश दिये। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 में भी हाल बहुत अच्छा नहीं मिला। अलीगढ़ जहां बी श्रेणी में वहीं एटा-कासगंज डी श्रेणी में और हाथरस ई श्रेणी में पाया गया। बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान निपुण परीक्षा आकलन में एटा, अलीगढ़ सी श्रेणी एवं हाथरस व कासगंज डी श्रेणी में पाए जाने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि क्या यह श्रेणियां विभाग को आईना नहीं दिखा रही हैं, जबकि अलीगढ़ बेसिक शिक्षा मंत्री का मण्डल है। मध्यान्ह भोजन में विद्यार्थियों की उपस्थिति समीक्षा में एटा, कासगंज डी और अलीगढ़, हाथरस सी श्रेणी में पाया गया।बैठक में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह, प्रेम रंजन, अर्चना वर्मा, सुधा वर्मा समेत सभी सीडीओ एवं मण्डलीय अधिकारी उपस्थित रहे।