शारदीय नवरात्रि के साथ रामलीलाओं का मंचन भी शुरू हो गया है. दिल्ली में 600 छोटी-बड़ी रामलीलाओं का आयोजन
दिल्ली में इस साल छोटे-बड़े 600 रामलीलाओं से 1 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान
शारदीय नवरात्रि के साथ रामलीलाओं का मंचन भी शुरू हो गया है. दिल्ली में 600 छोटी-बड़ी रामलीलाओं का आयोजन हो रहा है. शारदीय नवरात्रि के दौरान कारोबारियों को बंपर कमाई की उम्मीद है. व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने रामलीलाओं पर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में रामलीलाओं से एक हजार करोड़ रुपये कारोबार का अनुमान लगाया गया है.सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि नवरात्रि से त्योहारी सीजन शुरू हो गया है. अगले 11 दिनों में कारोबार को बूस्ट मिलेगा. दिल्ली में इस साल छोटे-बड़े 600 रामलीलाओं से 1 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है.उन्होंने कहा कि रामलीला के दौरान टेंट, एलईडी, साउंड, लाइट, म्यूजिक, क्रेन, पोशाक, खिलौने की मांग बढ़ जाती है. रामलीला का मंचन करने वाले कलाकार, सिंगर, मेकअप आर्टिस्ट पर भी बजट की राशि खर्च की जाती है. रामलीलाओं का अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है. लोग परिवार के साथ जमकर पैसा खर्च करते हैं. रामलीलाओं का मंचन देखने दर्शकों की भीड़ उमड़ती है.
रामलीलाओं से कारोबार में आयेगा उछाल-CTI सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि रामलीला की महीनों पहले से तैयारी शुरू हो जाती है. किसी रामलीला कमेटी का बजट 25 करोड़ का होता है तो किसी का बजट 1 करोड़ रुपये का होता है. बजट अनुसार रामलीला को भव्यता के साथ आयोजित किया जाता है.आयोजन पर होने वाले खर्च से विभिन्न उत्पादों के कारोबार को फायदा होता है. रामलीला महासंघ के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि इस बार अलग अलग रामलीलाओं में रामेश्वर धाम, केदारनाथ मंदिर आदि की तर्ज पर मंच और गेट सजाए गए हैं. इस बार रामलीलाओं में हाईटैक तकनीक और एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसलिए खर्च की रकम भी बढ़ गयी है. बता दें कि शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो गयी है.