अलीगढ़

मंगलायतन विश्वविद्यालय का एक और नवाचार, यूजीसी से ऑनलाइन कोर्स की मिली मान्यता

मंगलायतन विश्वविद्यालय में ऑनलाइन कोर्स कर सकेंगे शिक्षार्थी, प्रवेश प्रक्रिया हुई प्रारंभ

Aligarh Virendra Singh riport |  अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन कोर्स शुरू करने के संबंध में अलीगढ़ के होटल गोल्ड इन लीफ में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता में ऑनलाइन कोर्स के संबंध में जानकारी साझा की गई। मंगलायतन विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) से ए प्लस ग्रेड मिलने के बाद एक और उपलब्धि मिली है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विवि को ऑनलाइन कोर्स की मान्यता दे दी है। जो शिक्षार्थी नौकरी के साथ पढ़ाई करना चाहते हैं वह घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करके अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं। विदित रहे कि विश्व भर में फैली कोविड-19 महामारी ने शिक्षा के तरीकों को पुनर्गठित करने का मौका दिया था। इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया गया। यूजीसी ने ऑनलाइन कोर्सेज के लिए नियम बनाए थे। विशेषज्ञ पैनल प्रबंधन के दृष्टिकोण में मानदंडों पर खरा उतरने पर विश्वविद्यालय को अनुमति प्रदान की गई है।
कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के लिए यह उल्लेखनीय उपलब्धि है। टेक्नोलॉजी के युग में ऑनलाइन माध्यम शिक्षार्थियों को कुशल और नौकरी करने के लिए तैयार होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अब देश के किसी भी प्रांत, जिला, गांव से विद्यार्थी घर बैठे ही बीबीए, बीसीए, बीए, एमए अंग्रेजी, एमए राजनीति विज्ञान, एमए जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एमए एजूकेशन, एमबीए, एमकॉम, एमसीए, एमएससी गणित आदि कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। कुलपति ने कहा कि विवि को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार से जैन अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा प्राप्त है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य विद्यार्थियों के मस्तिष्क में सामंजस्य की भावना स्थापित करने के साथ उन्हें उच्च शिक्षा व संस्कारों की ओर अग्रसर करना है। विश्वविद्यालय उच्च कोटि की शिक्षा एवं विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए कृत संकल्पित है। विषय विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक तकनीक के माध्यम से विद्यार्थियों के कौशल को बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है।
डायरेक्टर ओडीएल प्रो. मसूद परवेज ने बताया कि जो लोग किसी कारण से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं करपाते उन्हें दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सेवाकालीन, पेशेवरों और अन्य अधिकारियों के साथ प्रतिस्पर्धी दुनिया का सामना करने के लिए अपनी योग्यता और कौशलता बढ़ाने का अवसर प्रदान होगा। ऑनलाइन कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विद्यार्थी ऑनलाइन फार्म भरकर प्रवेश ले सकते हैं। ऑनलाइन कोर्स में प्रवेश लेने वाले शिक्षार्थियों के पाठ्यक्रम की पढ़ाई के साथ परीक्षा भी ऑनलाइन मोड़ में ही आयोजित की जाएगी। मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) के लिए भी हमने अप्लाई किया है, जल्द ही मान्यता मिलने के बाद दूरस्थ शिक्षा में पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगें।
कुलसचिव बिग्रेडियर समरवीर सिंह ने प्रेस प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वर्ष 2006 में विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से ही हम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऑनलाइन कोर्स बहुत जरूरी है। जो लोग नौकरी करते हैं या दूर पढ़ाई करने नहीं जा सकते हैं, उनके लिए ऑनलाइन कोर्स बेहतर विकल्प है। ऑनलाइन माध्यम से ऐसे शिक्षार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा जो किसी कारणवश नियमित कोर्स में प्रवेश नहीं ले पाते और उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इस अवसर पर वित्त सलाहकार अतुल गुप्ता व पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग से योगेश कौशिक आदि उपस्थित रहे।

JNS News 24

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