डॉ संजीव बालियान का टिकट फाइनल होते ही बधाई देने वालों का तांता लग गया
लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी और पूर्व सांसद कादिर राणा को चुनाव हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे
आरएलडी के मुखिया रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह को शिकस्त देने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) को बीजेपी ने तीसरी बार भी टिकट दे दिया है. शनिवार को बीजेपी ने जिन प्रत्याशियों की सूची जारी की है उनमें मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) लोकसभा सीट से डॉ संजीव बालियान का नाम फाइनल कर दिया है. डॉ संजीव बालियान का टिकट फाइनल होते ही बधाई देने वालों का तांता लग गया है. फिलहाल डॉ संजीव बालियान मुजफ्फरनगर से बाहर गए हुए हैं. डॉक्टर संजीव बालियान 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी और कद्दावर नेता पूर्व सांसद कादिर राणा को चुनाव हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे. 2014 में उन्हें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया गया और 2016 में उन्हें राज्यमंत्री जल संसाधन नदी विकास और गंगा कायाकल्प की जिम्मेदारी दी गई. हालांकि 2017 में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. 2019 लोकसभा चुनाव में था कांटे का मुकाबला बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार फिर डॉ संजीव बालियान पर दांव लगाया लेकिन इस बार मुकाबला ज्यादा कड़ा था, क्योंकि यहां से आरएलडी मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने ताल ठोक दी थी. सपा और बसपा से गठबंधन भी था. चौधरी अजीत सिंह की जीत मुजफ्फरनगर से तय मानी जा रही थी. मुजफ्फरनगर की सियासी महाभारत के नतीजों पर पूरे देश की नजरें टिकी थीं, लेकिन डॉ संजीव बालियान ने चौधरी अजीत सिंह को हराकर सबको चौका दिया. इस जीत से डॉ संजीव बालियान ये संदेश दे दिया कि वो भी अब पश्चिमी यूपी में जाटों के नेता हैं और उनका भी अपना कद और वजूद है. चौधरी अजीत सिंह करीब 6526 वोटों से हार गए और संजीव बालियान पश्चिमी यूपी की राजनीति से आगे निकलकर देश में जाटों के बड़े नेता के रूप में सामने आ गए. अजीत सिंह को हराने का उन्हें फिर इनाम मिला और मोदी मंत्रिमंडल में जगह दे दी गई. मुजफ्फरनगर की सियासी महाभारत में संजीव बालियान ने हर चक्रव्यूह तोड़ा.
मुजफ्फरनगर दंगे का लगा था आरोप केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान का जन्म 23 जून 1972 को मुजफ्फरनगर जिले के कुटबी गांव में हुआ. पिता का नाम सुरेंद्र पाल था. पत्नी का नाम डॉ सुनीता बालियान हैं और दो बेटियां केतकी बालियान और ताज बालियान हैं. डॉक्टर संजीव बालियान ने हरियाणा के कृषि विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की, इसके बाद सहायक प्रोफेसर और हरियाणा सरकार के पशु चिकित्सा सर्जन के रूप में सेवाएं दी और फिर राजनीति में प्रवेश कर लिया.तीसरी बार मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी का टिकट पाने में कामयाब रहे केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के भी आरोपी रहें हैं. उनपर दंगों को भड़काने का भी आरोप लगा था. यहीं से सबसे पहले डॉ संजीव बालियान चर्चाओं में आए थे. मुजफ्फरनगर लोकसभा से सपा गठबंधन ने पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने डॉ संजीव बालियान पर ही भरोसा जताया है. दोनों ही जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में सियासी जंग बेहद दिलचस्प होगी. हालांकि अभी बसपा ने इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.संजीव बालियान के घर लगा बधाई देने वालों का तांता
बीजेपी से टिकट फाइनल होते ही केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है. हालांकिसंजीव बालियान मुजफ्फरनगर नहीं हैं और बाहर गए हुए हैं. केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान का बीजेपी ने टिकट फाइनल कर दिया है. इस पर डॉ संजीव बालियान का कहना है कि पार्टी ने जो मुझ पर भरोसा जताया है उसका दिल से धन्यवाद देता हूं और इस भरोसे को कायम रखूंगा. मुजफ्फरनगर की जनता का प्यार और मुझ पर भरोसा ही मेरी जीत की कहानी लिखता है. पीएम मोदी और सीएम योगी ने विकास के इतने काम किए हैं कि जनता को अब किसी पर विश्वास नहीं है. पश्चिमी यूपी तेजी से बदल रहा और विकास का रथ तेजी से चल रहा है.