राजनीति

लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल एक दूसरे से गठजोड़ खुद की ताकत बढ़ाने में जुटे हुए

बसपा सुप्रीमो मायावती पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन

लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल एक दूसरे से गठजोड़ खुद की ताकत बढ़ाने में जुटे हुए हैं. इस बीच बहुजन समाज पार्टी की सहयोगी दल बीजेपी के साथ जाने की तैयारी कर रही है, माना जा रहा है है जल्द ही इसका एलान भी किया जा सकता है. ऐसा हुआ तो ये मायावती के लिए बड़ा झटका होगा.यूपी में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में है. लेकिन, अब पंजाब की राजनीति में बीजेपी की एंट्री होने वाली है. खबरों की मानें तो अकाली दल और बीजेपी के बीच आचार संहिता से पहले ही गठबंधन का एलान हो सकता है. पंजाब में अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के करीबी सुखदेव सिंह ढींडसा ने अहम भूमिका निभाई है. 5 मार्च को ढींडसा की पार्टी का अकाली दल के साथ विलय भी हो गया है और अब बीजेपी और अकाली दल का साथ आना तय हो गया है.

अगर शिरोमणि अकाली दल फिर से एनडीए के साथ आता है तो ये बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए बड़ा झटका हो सकता है. बसपा पंजाब में अकेले पड़ सकती है. मायावती ने पहले ही इंडिया या एनडीए गठबंधन में शामिल नहीं होने की बात कही है.बीते विधानसभा चुनाव से पहले ही बसपा और अकाली दल के बीच गठबंधन हुआ था. दोनों दलों ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन, इससे किसी दल को कोई फ़ायदा नहीं हुआ.  बावजूद इसके दोनों दल तभी से साथ चले आ रहे थे. अगर बीजेपी और अकाली दल के बीच गठबंधन हुआ तो अकाली दल की फिर से एनडीए में वापसी हो जाएगी. बता दें कि अकाली दल बीजेपी की पुरानी सहयोगी पार्टी रही है. 1997 से लेकर सितंबर 2020 तक अकाली दल बीजेपी के साथ गठबंधन में रही है. लेकिन, किसान आंदोलन के चलते अकाली दल ने एनडीए से गठबंधन तोड़ दिया था.

JNS News 24

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