तीन साल से भटक रहे लाभार्थी, नहीं मिल रही पारिवारिक लाभ योजना की धनराशि
तहसील सदर क्षेत्र के ग्राम दहेलिया की रहने वाली पिंकी ने तीन साल पूर्व परिवारिक लाभ योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन किया
एसडीएम ने इसकी जांच कराकर पात्र पाए जाने पर धनराशि देने की स्वीकृति ऑनलाइन की थी। साथ ही मूल आवेदन पर भी पात्रता अंकित करते हुए समाज कल्याण दफ्तर भेजा था। इसके बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इससे वह जिम्मेदारों के चक्कर लगाने को मजबूर है। इसी तरह वेलगवां गांव की सुनीता भी योजना की धनराशि न मिलने से परेशान हैं। इनकी ओर से भी तीन साल पहले आवेदन किया गया था। पात्रता के बाद भी लाभ नहीं मिल सका है।दो साल से रही भटककुबेरपुर गांव की रहने वाली रोली पारिवारिक लाभ योजना की धनराशि के लिए दो साल से भटक रहीं हैं। इनके खाते में धनराशि नहीं भेजी गई है। ऑनलाइन आवेदन को संबंधित अफसरों ने जांच के बाद पात्र पाए जाने पर योजना का लाभ दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की थी। लेकिन विभाग की ओर से धनराशि नहीं भेजी गई हैं। वह जिम्मेदारों से कई बार मिलीं। बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं हो सका।
सीतापुर। तीन साल से पारिवारिक लाभ योजना के तमाम लाभार्थियों को लाभ नहीं मिला है। इससे वह जिम्मेदारों के चक्कर लगा रहे हैं। यह समस्या समाज कल्याण निदेशालय से इस साल बदले गए साफ्टवेयर से हो रही है। करीब दो हजार आवेदनों का निस्तारण नहीं हो सका है।जरूरतमंद परिवार के कमाऊ मुखिया की मौत के बाद समाज कल्याण विभाग की ओर से उसके आश्रित को 30 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है। इस योजना में गड़बड़झाला चल रहा है। दो और तीन साल पूर्व जिन लाभार्थियों ने आवेदन किया था। वह पात्र पाए जाने के बावजूद जिम्मेदार अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं। उन्हें योजना की धनराशि नहीं मिली है। इससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पहले पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन संबंधित एसडीएम की ओर से स्वीकृत किए जाते थे। इस व्यवस्था को समाप्त कर नया साफ्वेयर बनाया गया है। अब समाज कल्याण अधिकारी स्वीकृति देंगे। इससे पुराने आवेदनों के निस्तारण में समस्या हो रही है। उनका ऑनलाइन डॉटा सही ढंग से प्रदर्शित नहीं हो रहा है। जिला समाज कल्याण अधिकारी हर्ष मवार ने बताया कि 230 लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजने की कार्रवाई शीघ्र की जाएगी। लाभार्थियों का ऑनलाइन रिस्पांस मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। इससे व्यवधान हो रहा है।