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31 जनवरी 2024 को पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई के बाद पेटीएम के स्टॉक में बड़ी गिरावट

स्टॉक 761 रुपये के लेवल से 48 फीसदी गिरकर 395 रुपये के लेवल पर आ गया.

पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान के बाद पेटीएम के स्टॉक में एक बार फिर से बड़ी गिरावट देखने को मिली है. पेटीएम के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट के बाद लोअर सर्किट लग गया है. दिन में 528 रुपये के हाई से स्टॉक 15.40 फीसदी तक नीचे लुढ़क चुका है.31 जनवरी 2024 को पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई के बाद पेटीएम के स्टॉक में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. स्टॉक 761 रुपये के लेवल से 48 फीसदी गिरकर 395 रुपये के लेवल पर आ गया. था. उसके बाद निचले लेवल से स्टॉक में रिकवरी लौटी लेकिन गुरुवार को आरबीआई के सख्त कमेंट के बाद फिर से पेटीएम के स्टॉक में गिरावट आ गई.

पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ सुपरवाइजरी एक्शन 

मॉनिटरी पॉलिसी के बाद हुए प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान आरबीआई गवर्नर से पेटीएम पेमेंट बैंक को लेकर सवाल पूछा गया. सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ ये सुपवाइजरी एक्शन है. उन्होंने कहा कि आरबीआई हर रेग्यूलेटेड एनटिटी को अनुपालन पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देती है. कई बार ज्यादा भी समय दिया जाता है. उन्होंने कहा कि हम जिम्मेदार रेग्यूलेटर हैं अगर नियमों का अनुपालन हो रहा होता तो भला हम ऐसी कार्रवाई क्यों करते?

पेटीएम पेमेंट बैंक पर जारी होगा FAQ

आरबीआई गवर्नर ने कहा सिस्टम में कोई चिंता की बात नहीं है ये एक खास पेमेंट बैंक को लेकर लिया गया फैसला है. ये सभी रेग्यूलेटेड एंटिटी पर लागू होता है. उन्होंने कहा कि हमने सुपरवाइजरी सिस्टम को बेहद मजबूत किया है. पर हालात की गंभीरता के बाद आरबीआई ऐसे फैसले लेती है. गवर्नर ने कहा कि, पिछले दिनों हमारे सामने पेटीएम पेमेंट बैंक को लेकर कई बातें सामने आई हैं. लोगों के मन में सवाल है. हमसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. इन सभी सवालों को लेकर आरबीआई अगले हफ्ते एक एफएक्यू (Frequently Asked Questions) जारी करेगा जिससे लोगों के मन में पैदा हो रहे सवालों का जवाब दिया जा सके. उन्होंने कहा कि आरबीआई फिनटेक को सपोर्ट करता रहेगा.

पेटीएम पेमेंट बैंक नहीं कर रही थी नियमों का पालन! 

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरामण ने कहा, ये रेग्यूलेटेड एंटीटी के खिलाफ सुपवाइजरी एक्शन है क्योंकि कंपनी रेग्यूलेटरी नियमों का अनुपालन नहीं कर रही थी. आरबीआई किसी भी एंटिटी को महीनों अनुपालन करने का समय देती है. हमने कई दफा द्विपक्षीय लेवल पर चर्चा करते हैं. हम इसे ठीक करने के लिए काफी समय भी देते हैं. रेग्यूलेटर होने के नाते ये हमारा कर्तव्य है कि हम ग्राहकों के हितों की रक्षा करें जिससे देश में फाइनेंशियल स्टैबिलिटी बनी रहे. जिम्मेदार रेग्यूलेटर होने के नाते ग्राहकों के हितों में हम फैसला लेंगे.

JNS News 24

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