देहदान एवम नेत्रदान हेतु जागरूक किया देहदान कर्त्तव्य संस्था ने
देहदान कर्त्तव्य संस्था ने डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में जीवन हॉस्पिटल
देहदान कर्त्तव्य संस्था ने डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में जीवन हॉस्पिटल, बेला मार्ग विष्णुपुरी अलीगढ़ पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में सफलता पूर्वक नेत्र/देहदान हेतु जागरूकता व नवीन सदस्यों का प्रशस्ति/परिचय पत्र दे कर सम्मानित किया।
सचिव डॉ जयंत शर्मा ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि लगभग 06 वर्षों में लगभग 15/16 पार्थिव शरीर व लगभग 56/57 व्यक्तियों का नेत्रदान करा चुके हैं। एकत्रित ज़न समूह का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी हमारे एम्बेसडर हैं। आपके सराहनीय सहयोगी बनने से ही सम्भव हुआ है।
देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ ने कहा कि जब पता चलता है कि नेत्रदानी का दान किया हुआ कौरनिया दो लोगौं को लगा दिया है तो दिल को सुकून मिलता है।
पार्थिव शरीर मैडिकल कॉलेज पहुँचने पर ससम्मान उसे ऑपरेशन कर अंगों को निकाल पढ़ाया जाता तत्पश्चात हड्डियों को भी पढ़ने हेतु रखा जाता है।
डॉ फजल व फैसल के प्रयास से पहली बार जे एन मैडिकल कॉलेज के, ऐनाटंमी विभाग से तीन चिकित्सकों की टीम आई।
डॉ दिव्या वार्ष्णेय ने बताया कि पार्थिव शरीर को पहले कैमिकल में रखा जाता है बाद में ईश्वर से आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना कर ऑपरेशन किया जाता है। अंगों को भी सहेज कर रखा जाता है।
डॉ जावेद अहमद ने कहा कि कुछ परिस्थितियों में नहीं ले पाते है। उन्होंने लोगों के प्रश्नोत्तर सरल भाषा में दिए।
डॉ,जसलीन कौर ने लोगोँ का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप लोग मृत्यु पश्चात भी मानवीय सहयोगी बन रहे हैं।
डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ मलेरिया अधिकारी ने कहा कि इस कार्य को बढ़ाने में जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकताएं हैं।
नेत्र विशेषज्ञ डॉ ए के शर्मा ने कहा कि आँखों के अस्पताल में ऑपरेशन पश्चात एकत्रित लोगोँ को नेत्रदान हेतु बताने में अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
इस अवसर पर भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक , डॉ राजकुमार, डॉ अस्थाना , डॉ मनीष जैन, सुरेश चन्द्र गर्ग बालाजी, राकेश सक्सैना, अजय राणा ,समाजसेवी दिलीप दामोदर वार्ष्णेय, किरन वार्ष्णेय, विवेक अग्रवाल, सावित्री देवी, अजय बाबू शर्मा, पप्पू
आदि सहयोगी बने।