पश्चिमी यूपी में बसपा सुप्रीमो ने आरएलडी सुप्रीमो जयंत चौधरी को चुनौती दे डाली
1989 की है, जब मायावती बिजनौर लोकसभा से चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंची
पश्चिमी यूपी में बसपा सुप्रीमो ने आरएलडी सुप्रीमो जयंत चौधरी को चुनौती दे डाली है. जिस सीट से मायावती पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंची उस सीट से जाट प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है. हाथी की इस नई चाल ने पश्चिमी यूपी का सियासी तापमान बढ़ा दिया है. दो दिन पहले ही लोकदल छोड़कर आए चौधरी बिजेंद्र सिंह को बिजनौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर मायावती ने नए समीकरण बनाने के संकेत दे दिए हैं.बिजनौर के सियासी समीकरण पर एबीपी लाइव ने जो खबर दी थी उस पर मायावती में मुहर लगा दी. हमने खबर दी थी कि चौधरी बिजेंद्र सिंह को मायावती बिजनौर लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारेंगी. ऐसा करके मायावती बीजेपी और आरएलडी की टेंशन बढ़ाएंगी. आखिरकार हमारी खबर सटीक निकली और बसपा सुप्रीमो ने चौधरी बिजेंद्र सिंह का नाम ही फाइनल कर दिया.बसपा सुप्रीमो मायावती राजनीति की मंझी हुई खिलाड़ी मानी जाती हैं. बिजनौर लोकसभा सीट पर मायावती ने जाट कार्ड खेलकर सबको चौंका दिया है. चौधरी बिजेंद्र सिंह को बिजनौर से प्रत्याशी बनाकर बसपा सुप्रीमो ने मुस्लिम, दलित और पिछड़ों का समीकरण बनाने का प्रयास किया है.सबसे बड़ी बात ये है कि जयंत चौधरी ने गुर्जर चंदन चौहान को प्रत्याशी बनाकर जो समीकरण बनाया था मायावती ने जाट कार्ड खेलकर उस समीकरण में सेंध लगाने की कोशिश की. बसपा के इस कदम से जयंत चौधरी भी टेंशन में आ गए हैं और बीजेपी भी, क्योंकि यहां आरएलडी और बीजेपी ने चंदन चौहान को प्रत्याशी बनाया है और मायावती ने जयंत के चंदन की घेराबंदी शुरू कर दी है.
बात 1989 की है, जब मायावती बिजनौर लोकसभा से चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंची थी. इस बार मायावती ने यहां से जाट कार्ड खेला. इसके सहारे मायावती जाटों में सेंध लगाने का भी प्रयास कर रही हैं कि जहां से वो पहली बार सांसद बनी उस सीट पर इस बार जाट प्रत्याशी चौधरी बिजेंद्र सिंह को उतारा है. पश्चिमी यूपी में मुस्लिम, दलित और पिछड़ों को साधकर बहनजी बड़ा संदेश देना चाहती हैं. मायावती के इस कदम को जयंत चौधरी को चुनौती देने के तौर पर भी देखा जा रहा है.बिजनौर लोकसभा के एक बैंक्वेट हॉल में बसपा का एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन किया गया था, जिसमें पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन पहुंचे थे. जिन्होंने चौधरी बिजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया. शमसुद्दीन राइन ने कहा जहां से बहनजी पहली बार सांसद बनी वहां से चौधरी बिजेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाकर बहनजी ने बड़ा संदेश दिया है और इस सीट की रखवाली की जिम्मेदारी चौधरी बिजेंद्र सिंह को दी है. बस आप चुनाव जिता देना. इस मौके पर मुरादाबाद मंडल प्रभारी और नगीना सांसद गिरीश चंद्र भी मौजूद रहे. बिजनौर लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी घोषित किए गए चौधरी बिजेंद्र सिंह का कहना है कि बहनजी का अहसान नहीं उतार पाऊंगा. मुझ जैसे छोटे से इंसान को टिकट देकर बहनजी ने जो उपकार किया उसका हमेशा ऋणी रहूंगा. सबको साथ लेकर चलूंगा और जनता के प्यार और विश्वास के भरोसे पर चुनाव जीतूंगा. मैं नेता नहीं बेटा बनकर रहूंगा.