शिक्षा

एग्जाम में टॉप करने वाले कैंडिडेट्स को इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस ज्वॉइन करने का मौका

अक्टूबर 1926 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की स्थापना हुई.

यूपीएससी सीएसई परीक्षा 2023 के नतीजे हाल ही में रिलीज हुए हैं. इसी के साथ एक बार फिर से देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा आईएएस की चर्चा जोरों पर है. एग्जाम में टॉप करने वाले कैंडिडेट्स को इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस ज्वॉइन करने का मौका मिलता है. देश ही नहीं दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली यूपीएससी सिविल सेवा के बारे में आज हम डिटेल मे बात करते हैं. साथ ही, जानते हैं कि क्या प्री, मेन्स और इंटरव्यू क्लियर करने के बाद ही कोई कैंडिडेट आईएएस बन जाता है या कई और हर्डल उसका इंतजार करते हैं. आइए जानते हैं प्री से लेकर आईएएस बनने तक के प्रोसेस को A से Z तक.सिविल सेवा परीक्षा का इतिहास बहुत पुराना और ये अंग्रेजों के समय में इंडिया में इंट्रॉड्यूज की गई थी. साल 1854 में लंदन में सिविल सर्विसेस कमीशन बना और साल 1855 से एग्जाम शुरू हुए. सबसे पहले इंडियन सिविल सर्विसेस के लिए एग्जाम लंदन में होता था. एज लिमिट 18 से 23 साल थी. सिलेबस विदेशी ज्यादा था तो इंडियंस के लिए इसे पास करना खासा मुश्किल होता था. पहली बार रबींद्रनाथ टैगोर के भाई श्री सत्येंद्रनाथ टैगोर ने 1864 में ये एग्जाम पास किया था.कई सालों के प्रयास के बाद इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा 1922 से इलाहाबाद और बाद में दिल्ली में आयोजित होने लगी. हालांकि लंदन में भी परीक्षा जारी रही. अक्टूबर 1926 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की स्थापना हुई.

ये परीक्षा साल में एक बार आयोजित की जाती है. इसे ऑफिशियली सिविल सर्विसेस एग्जाम कहते हैं जो यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन या संघ लोक सेवा आयोग आयोजित करता है. इसका कैलेंडर साल की शुरुआत में जारी हो जाता है कि कब कौन सा एग्जाम होगा. कुछ रेयर केसेस में तारीखों में बदलाव होता है.सबसे पहले प्रीलिम्स या प्रारंभिक परीक्षा होती है जिसके लिए कैंडिडेट को आवेदन करना होता है. जैसे इस साल की आईएएस प्री परीक्षा या यूपीएससी सीएसई प्री परीक्षा 16 जून 2024 के दिन आयोजित होगी. फॉर्म ऑनलाइन जारी होते हैं. इन्हें समय से भरिए, फीस जमा करिए और प्री परीक्षा में शामिल होकर पहला चरण पास करिए.

लाखों के बीच होता है मुकाबला

छात्रों की संख्या के लिहाज से प्री परीक्षा सबसे पहला और कठिन चरण माना जा सकता है क्योंकि हर साल 10 से 11 लाख स्टूडेंट्स इसमें भाग लेते हैं. ये एक ऑब्जेक्टिव टाइप एग्जाम होता है. आवेदन के लिए योग्यता ग्रेजुशन है, लास्ट ईयर के स्टूडेंट्स भी अप्लाई कर सकते हैं. एक जनरल कैटेगरी का स्टूडेंट अधिकतम 6 बार परीक्षा दे सकता है, एज लिमिट 32 साल है. आरक्षित श्रेणी को दोनों ही मामलों में छूट मिलती है.

JNS News 24

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