उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल और बहराइच की हिंसा पर बयान दिया.
.CM योगी ने कहा कि संभल में कैसे माहौल खराब किया गया,इसका इतिहास 1947 से शुरू किया
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल और बहराइच की हिंसा पर बयान दिया. CM योगी ने विधानसभा में संभल,बहराइच मामले पर कहा कि साल 2017 से लेकर अब तक NCRB कहती है कि 97 से लेकर 99 % तक साम्प्रदायिक हिंसा में कमी आई हैसंभल में सर्वे को लेकर उठ रहे सवाल पर सीएम ने कहा कि न्यायपालिका के आदेश पर सर्वे हो रहा है क्यों गुमराह कर रहे हो आप? जय श्री राम किसी ने बोल दिया तो क्यों चिढ़े ये चिढ़ाने वाला नहीं है. राम राम तो पश्चिम में हमारे यहाँ अभिवादन है.CM योगी ने कहा कि संभल में कैसे माहौल खराब किया गया,इसका इतिहास 1947 से शुरू किया गया,1947 ने 1 मौत,1948 ने 6 लोग,1958 ,1962 में दंगे हुए,1976 में 5 मौत हुई,1978 में 184 हिंदुओ को सामूहिक रूप से हत्या हुई जलाया गया,आप इस सच्चाई को स्वीकार नही करेंगे,1980 में दंगे हुए,1982 में दंगे हुए,1986 में 4 लोग मारे गए,1990,92 मे,1996 में 2 मौत हुई,यह लगातार सिलसिला चलता रहा 1947 से अबतक 209 हिंदुओ की मौत हुई,इनके लिए किसी से संवेदना के लिए 2 शब्द नही कहे उन्होंने कहा कि अपनी रुचि और अपने एजेंडे के रूप में ही विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया,नेता प्रतिपक्ष वरिष्ठ सदस्य रहे हैं. हम भी बुद्ध को मानते हैं,भारत की एक विरासत है,सरकार भी उसी को लेकर कार्य कर रही है. सीएम ने दावा किया कि 2012 से 2017 तक NCRB आंकड़े है प्रदेश में 817 दंगे हुए 192 लोगो की मृत्यु हुए,207 से 2011 बीच 616 साम्प्रदायिक घटनाएं हुई,जिनमे 121 मौत हुई.उन्होंने कहा कि जब हम मिलते है तो राम राम होता है,अंतिम यात्रा में भी रामनाम सत्य भी होता है,अगर जयश्रीराम किसी ने बोल दिया तो ये चिढ़ाने वाला कृत्य नही है. यूपी उपचुनाव के संदर्भ में विपक्ष के आरोपों पर सीएम ने कहा कि आपने कुंदरकी की जीत को वोट की लूट बताया,एक सम्मानित सदस्य को लुटेरा बताया.क्या यह सच नही है आपके पूर्वज हिन्दू नही थे? क्या यह सच नही है कि देसी और विदेशी मुसलमान के वर्चस्व की लड़ाई है? सूर्य चांद और सत्य को बहुत देर तक छिपा नही सकते, इसी सत्य के लिए कहा जा रहा है कि वहां की स्थिति ऐसी है कि क्या मंदिर की स्थिति आ जायेगी तो क्या मंदिर बन जायेगा? ये तो बाबरनामा में भी लिखा गया है कि हर मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया है. ये केवल सर्वे की बात थी,जिलाधिकारी का जिले का एडमिनिस्ट्रेशन का हेड,इनका दायित्व है कि न्यायालय के आदेशों का अक्षरशः पालन करना.उपचुनाव परिणामों पर सीएम ने कहा कि जैसे ही आपके “खटाखट” की असलियत सामने आई जनता ने कहा “सपाचट”. सीसामऊ में आप बाल बाल बच गए,कुंदरकी में लोगो को अब अपनी जड़ें पहचानना आ गया है,उनके बयान सुनिए. डिजिटल जमाना है. इसी तरह जल्दी ही इकबाल महबूब जी को भी अपनी जड़ें याद आ जाएंगी,इनको बाबरनामा जरूर पढ़ना चाहिए.