रिश्वत लेते हुए मुख्य स्वच्छता निरीक्षक गिरफ्तार
कार्रवाई से सहमे पालिका कर्मी, कार्यालय हुआ खाली

हाथरस। भ्रष्टाचार निवारण संगठन अलीगढ़ की टीम ने बुधवार को नगर पालिका के मुख्य स्वच्छता निरीक्षक महेश कुमार को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। एक ठेकेदार को भुगतान करने की एवज में रिश्वत मांगी थी। इस कार्रवाई की जानकारी मिलते ही नगर पालिका में कई बाबू छोड़कर गायब हो गए।
टीम महेश कुमार को लेकर कोतवाली हाथरस गेट पहुंची और उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। एमआरएफ मेटेरियल रीफंजाइज सेंटर फर्म के ठेकेदार श्याम चौधरी ने नगर पालिका में सफाई कर्मचारी देने का ठेका लिया था। कार्य कराने के बाद मुख्य स्वच्छता निरीक्षक महेश कुमार उनके बिलों की फाइल आगे नहीं बढ़ा रहे थे और करीब सात लाख रुपये के बिल उनके बकाया है। आरोप है सात लाख रुपये के बिल पास करने के लिए उसने ठेकेदार से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसकी सूचना श्याम चौधरी ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की अलीगढ़ इकाई को दी। सुबह टीम ने जाल बिछा दिया। दोपहर करीब एक बजे श्याम चौधरी ने पैसे देने के लिए महेश कुमार को बागला जिला अस्पताल के बाहर ओवरब्रिज के नीचे चाय की दुकान पर बुलाया। जैसे ही ठेकेदार ने सीएसआई को रुपये दिए, टीम ने उसे दबोच लिया। उनको गिरफ्तार कर थाने ले जाने की सूचना पर पालिका के अधिकारी भी पहुंच गए। बृहस्पतिवार को एंटी करप्शन न्यायालय मेरठ में सीएसआई को पेश मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया।
हाथरस। भ्रष्टाचार निवारण संगठन जैसे ही मुख्य स्वच्छता निरीक्षक को गिरफ्तार किया, नगर पालिका में खलबली मच गई। दो बजे तक पूरा कार्यालय खाली हो गया। जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे लोग भटकते नजर आए। शुरुआत में किसी को यह पता नहीं चल पाया कि महेश कुमार को किसने उठाया है। बाद में स्थिति स्पष्ट होने पर अन्य कर्मचारी और बाबू भी अपनी सीटें छोड़कर इधर-उधर चले गए। दो बजे तक कार्यालय में सन्नाटा पसर गया। आम लोग और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही नजर आए। स्टाफ के कुछ लोग थाने पर पहुंच गए। इस दौरान किसी ने कार्रवाई को सही बताया तो किसी ने कार्रवाई पर सवाल खड़े किए।धरपकड़ वाली जगह पर नहीं है कोई सीसीटीवी कैमरा हाथरस। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने बागला हॉस्पिटल के बाहर ओरवब्रिज के नीचे की सड़क से मुख्य सफाई निरीक्षक को उठाया गया, लेकिन यहां काफी दूर तक सीसीटीवी कैमरे नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की कार्रवाई ऐसे स्थानों पर की गई, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं।