सोनीपत के गांव राई स्थित किराये के कमरे में अपने सहकर्मी के भाई की हत्या कर भागे 25 हजार के इनामी आरोपी को सीआईए-3 की टीम ने 13 वर्ष बाद गिरफ्तार किया
बिहार के जिला छपरा के गांव खाखी मधिया निवासी बर्फी लाल के रूप में हुई है
सोनीपत के गांव राई स्थित किराये के कमरे में अपने सहकर्मी के भाई की हत्या कर भागे 25 हजार के इनामी आरोपी को सीआईए-3 की टीम ने 13 वर्ष बाद गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान बिहार के जिला छपरा के गांव खाखी मधिया निवासी बर्फी लाल के रूप में हुई है। उसे छपरा के पुरानी घुरेटी से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस टीम एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है एसीपी क्राइम राजपाल सिंह ने बताया कि मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ के गांव जानी खुर्द निवासी अमर पाल ने 14 अप्रैल 2011 को राई थाना पुलिस को बताया था कि वह पांच भाइयों में दूसरे नंबर के हैं। सबसे छोटा भाई नरेंद्र था। उन्होंने बताया था कि वह चार माह से बहालगढ़ में खेवड़ा रोड स्थित श्री इंटरप्राइजेज में नौकरी करते थे।
वह बहालगढ़ में किराये पर रहते थे। उनके साथ मूलरूप से बिहार के जिला छपरा के गांव खाखी मधिया का बर्फी लाल भी नौकरी करता था। वह राई गांव में किराये के कमरे में रहता था। उसकी व बर्फी लाल की अच्छी जान पहचान हो गई थी। वह उनके घर पर भी जा चुका था।वह भी उसके राई स्थित कमरे पर चला जाता था। बर्फी लाल के कमरे में उसका परिचित मूलरूप से यूपी के जिला बागपत के गांव टिकरी बासा का बृजेश ठाकुर भी रहता था। वह राई औद्योगिक क्षेत्र में नौकरी करता था। उनका छोटा भाई नरेंद्र भी उसके पास आया हुआ था।बताया कि वह और नरेंद्र बैसाखी 13 अप्रैल 2011 को बर्फी लाल के कमरे पर गए थे। बाद में बृजेश भी आ गया था। रात को नरेंद्र, बर्फी लाल व बृजेश शराब पीने लगे थे। अमरपाल ने बताया था कि तब वह खाना खाकर सो गया था। इस पर तीनों और शराब पीने के लिए कमरे से बाहर चले गए थे।सुबह वह उठा तो तीनों कमरे पर नहीं मिले। इसी बीच वह कमरे से बाहर आया तो पता लगा कि गांव राई में ग्रामीण मनोज के खेत के ट्यूबवेल की हौदी में एक युवक का शव पड़ा है। वह भी मौके पर चला गया था। उन्होंने देखा था कि उनके भाई नरेंद्र का शव पड़ा था। उसके सिर व चेहरे पर चोट के निशान थे।काफी दूर तक खून बिखरा था। खेत में घसीटने के भी निशान थे। अमरपाल ने बृजेश व बर्फी लाल पर उनके भाई की हत्या का आरोप लगाया था। तत्कालीन थाना प्रभारी सुलतान सिंह की टीम ने जांच करते हुए दोनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले में पुलिस ने बृजेश को गिरफ्तार कर लिया था।
चार वर्ष पहले रखा इनाम, अब हुआ गिरफ्तार
एसीपी राजपाल सिंह ने बताया कि आरोपी बर्फी लाल की गिरफ्तारी पर पुलिस ने वर्ष 2020 में 25 हजार रुपये का इनाम रखा था। अब सीआईए-3 में नियुक्त इंचार्ज रविकांत, एएसआई आजाद, हवलदार जोगेंदर, सोमबीर, सुमित व चालक नरेंद्र की टीम ने आरोपी बर्फी लाल मांझी उर्फ तारकेश्वर मांझी को छपरा के पुरानी घुरेटी से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय में जेल भेज दिया। उसने शराब के नशे में कहासुनी के बाद वारदात को अंजाम देने की बात कही है।