कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है
चुनाव के बीच नामांकन खत्म होने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार के बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है.
कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी की स्मृति ईरानी से होगा. किशोरी लाल शर्मा को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है. लेकिन अब चुनाव के बीच नामांकन खत्म होने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार के बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है.कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा, ‘ये निर्णय शीर्ष नेतृत्व का था. पहले तय नहीं था कि यहां से कौन लड़ेगा. अब मैं ये कह रहा हूं कि स्मृति ईरानी को मैं भी हराऊंगा, मैं ये बड़ी बात बोल रहा हूं. मैं यहां गांधी परिवार की नौकरी नहीं कर रहा हूं, मैं नेता हूं. मैं यूथ कांग्रेस के दौरान 1983 में यहां आया था. मैं कांग्रेस से कोई तनख्वाह नहीं लेता हूं. मैं शुद्ध रूप से नेता हूं. जब आया था इनसे बहुत बड़ी हैसियत रखता था. जिसको जैसे संस्कार मिलते हैं उसको वे वैसे ही प्रदर्शित करता है.’
उम्मीदवार बनाए जाने पर जताया था आभार
इससे पहले टिकट मिलने के बाद उन्होंने कहा था कि मैं कांग्रेस पार्टी का आभारी हूं जिसने इतने छोटे कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी के काबिल समझा. मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का तहे दिल से आभारी रहूंगा.”कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा था कि मैंने 40 साल इस क्षेत्र की सेवा की है और आज भी कर रहा हूं. मेरे लिए खुशी की बात है कि छोटे से कार्यकर्ता को बड़ी इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी, मैं उनका बहुत आभारी हूं.बता दें कि किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं. इसी कारण उन्हें सोनिया गांधी का प्रतिनिधि भी बनाया गया था. इस परिवार से उनका बहुत पुराना नाता रहा है. किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं. 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे. तब से वह यहीं के होकर रह गए.