गौशालाओं में भोजन की कमी के चलते मरने को हैं मजबूर गोवंशों
एक तरफ प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गोवंशों के संरक्षण व उनकी देखभाल के लिए तंत्र से तमाम तरह की अपेक्षाएं रखते हुए उन्हें व्यवस्थाएं देने का काम कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ जिलों में तैनात तंत्र, गौ संरक्षण के मामले में नाकाम साबित हो रही हैं।
ऐसा ही एक मामला बलरामपुर जिले के तुलसीपुर तहसील के ग्राम पंचायत लालनगर सिपहिया में सामने आया है। यहां पर कागज में 75-80 गोवंशों को स्थानीय ग्रामीण गौ आश्रय स्थल पर संरक्षित करने का काम किया जा रहा था। लेकिन, भोजन की पर्याप्त व्यवस्था व अन्य सुविधाएं न होने के कारण गोवंशों की लगातार मौत हो रही है। बारिश के मौसम में चारे और अन्य चीजों की कमी से जूझ रहे इस गौशाला में ग्रामीणों के मुताबिक कई गोवशों की मौत हो चुकी है। कुछ को तो यूं ही छोड़ दिया गया है। लेकिन, शासन प्रशासन द्वारा इनका कोई पुस्ताहार नहीं है।
ग्रामीण बताते हैं कि गौ आश्रय स्थल पर रहने वाला कर्मी मुस्तकीम, ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव मिलीभगत करके गोवंश के संरक्षण के नाम पर आने वाले धन का बंदरबांट कर लेते हैं। इसके साथ ही वह यहां पर गोवंश छोड़ने आने वाले लोगों से भी पैसे लेते हैं। इस वजह से गोवंश को ना तो पर्याप्त चारा मिल पाता है। ना ही उनकी पर्याप्त देखरेख हो पाती है। ऐसे में भूख और बीमारी से तड़पते हुए गोवंशओं की मौत हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि गोवंश को यहां संरक्षित करने के नाम पर तैनात कर्मी द्वारा पैसा लिया जाता है। कर्मी 500 – 600 प्रति गोवंश लेकर कुछ देर के उन्हें यहां रख लेता है। फिर छोड़ देता है। इस कारण से हमारी फसलें नष्ट हो रही हैं और गोवंशों की मौत भी हो रही है।