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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के बाद भी राजस्थान सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर वैट को कम नहीं किया है

डीजल और पेट्रोल की कमी का यह खतरा पेट्रोल पंपों की हड़ताल के कारण पैदा हुआ

वाहन मालिकों और वाहन चालकों के लिए डीजल-पेट्रोल सबसे जरूरी चीज है. ईंधन के बिना वाहनों के पहिए थम सकते हैं. यही स्थिति अभी देश के कई शहरों में बन आई है, जहां लोगों को डीजल-पेट्रोल की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.डीजल और पेट्रोल की कमी का यह खतरा पेट्रोल पंपों की हड़ताल के कारण पैदा हुआ है. राजस्थान राज्य में पेट्रोल पंपों की दो दिनों की हड़ताल आज से शुरू हुई है. राज्य के पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. वे डीजल और पेट्रोल पर लगने वाले मूल्यवर्धित कर यानी वैट को कम करने की मांग कर रहे हैं.

आज से हड़ताल की शुरुआत एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 10 मार्च रविवार की सुबह 6 बजे से 12 मार्च की सुबह 6 बजे तक के लिए हड़ताल का आह्वान किया है. इसका मतलब हुआ कि राजस्थान के विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंप 10 मार्च रविवार और 11 मार्च सोमवार को बंद रहेंगे. ऐसे में लोगों को ईंधन की कमी का सामना करना पड़ सकता है.

इस कारण कर रहे हैं हड़ताल

फ्यूल ऑपरेटर्स के एसोसिएशन का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के बाद भी राजस्थान सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर वैट को कम नहीं किया है. वहीं दूसरी ओर तेल कंपनियों ने पिछले सात साल से पेट्रोल पंपों के डीलर कमिशन में बढ़ोतरी नहीं की है. इससे पेट्रोल पंप संचालकों की कमाई पर बुरा असर पड़ रहा है. लगातार मांग करने के बाद भी ध्यान नहीं दिए जाने से वे हड़ताल करने पर मजबूर हुए हैं.

दो दिनों तक नहीं होगी खरीद-बिक्री

इस हड़ताल के तहत राजस्थान के पेट्रोल पंप दो दिनों तक न तो डीजल या पेट्रोल की बिक्री करेंगे, न ही वे तेल कंपनियों से तेल की खरीद करेंगे. राजधानी जयपुर समेत विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंप संचालक सोमवार को प्रदर्शन भी करने वाले हैं. मंगलवार की सुबह से राजस्थान के पेट्रोल पंप फिर से सामान्य परिचालन शुरू कर देंगे.

JNS News 24

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