आयुक्त अलीगढ़ मण्डल की अध्यक्षता में विकास कार्यों की बैठक संपन्न
सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी अधिकारियों की
अलीगढ़ मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा मंडलायुक्त रविन्द्र ने गुरुवार को की। कमिश्नरी सभागार में हुई बैठक में जब मंडल आयुक्त रविन्द्र ने ”ईष् एवं ”डी” श्रेणी प्राप्त योजनाओं के बारे में अधिकारियों से तीखे सवाल किए तो सीडीओ समेत मंडलीय अधिकारियों को मानो सांप सूंघ गया। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा संचालित जनहितकारी योजनाओं को धरातल पर सही ढंग से क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। भारी भरकम तनख्वाह लेने के बाद भी योजनाएं धरातल पर फ़लीभूत क्यों नहीं हो पा रही हैं? उन्होंने पूछा कि खराब ग्रेडिंग वाले जिले बेहतर परफॉर्मेंस के लिए क्या प्रयास कर रहे है? क्या सबंधित अधिकारियों के पास कोई कार्य योजना है? मण्डलायुक्त ने मण्डल के चारों जिलों में ष्डीष् एवं ष्ईष् श्रेणी वाली योजनाओं के सीडीओ एवं मण्डलीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त ने सीएम डैश बोर्ड की समीक्षा कर सभी जिलों के अफसरान को कार्यशैली में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि पात्र योजनाओं का लाभ हर हालत में सबंधित को मिलना चाहिए। पंरन्तु शिथिल कार्यशैली के चलते ऐसा नही हो पा रहा है। इसलिए ऐसे में यह जानना आवश्यक हो जाता है कि क्या वजह है जब योजना का सफल क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। बैठक में आयुक्त द्वारा किए गए सवालों का कोई अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, तो उन्होंने निर्देशित किया कि सभी अधिकारी पूरी तैयारी के साथ आगामी बैठक में उपस्थित हों, ताकि वह योजनाओं के बारे में किए गए सवालों का तथ्यात्मक जवाब देने की स्थिति में हों। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ जरूरतमंद को उपलब्ध कराना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
एनआरएलएम बैंक क्रेडिट लिंकेज समीक्षा में मण्डलायुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार द्वारा बेहतर परफार्मेंस के लिए पीडी डीआरडीए और डीसी एनआरएलएम के पदों को अलग करते हुए जिम्मेदारी सौंपी गई हैं, इसके बाद भी यदि योजना परवान नही चढ़ पा रही है तो इसके लिए सबंधित को जवाब देना ही पड़ेगा। यदि योजनाओं का लाभ जरूरतमंद को नही मिल पा रहा है तो फिर उन्हें कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस सबन्ध में उन्होंने कई जिम्मेदार बड़े अधिकारियों को फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रोजेक्ट अलंकार, एमओयू मॉनिटरिंग, डे एनआरएलएम बीसी सखी समेत अन्य कई बड़ी योजनाओं में ष्डीष्और ष्ईष् ग्रेडिंग देख कर मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए स्पष्टीकरण देने के साथ लचर कार्यशैली में सुधार लाने कर सख़्त निर्देश दिए।बैठक में जिलाधिकारी अलीगढ़ इन्द्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी एटा प्रेम रंजन, जिलाधिकारी कासगंज सुधा वर्मा, जिलाधिकारी हाथरस अर्चना वर्मा सहित जेडीसी सर्वेश कुमार, सीडीओ एवं मण्डलीय अधिकारी उपस्थित रहे।