लेखराज नगर जैन मन्दिर मे चल रहे 24 दिवसीय विधान मे हैं श्रद्धालुओं ने सम्मलित हो कर भगवान की पूजा अर्चना की।
लेखराज नगर स्थित श्री शीतल नाथ दिगंबर जैन मंदिर जी में गुरुवार को 24 दिवसीय श्री भक्तामर विधान के 20 वें दिन 112 अर्घ्य के समर्पण के साथ बाल ब्रह्मचारी श्री राकेश भैया जी के सानिध्य में संपन्न हुआ। आज के पाठ के पुण्यार्जक श्री विनोद कुमार जैन ,सचिन जैन ,श्री अजय कुमार जैन ,अतिशय जैन हरदुआगंज परिवार रहा ।
देवाधिदेव 1008 श्री आदिनाथ भगवान की आराधना में लगभग 108 लोगों ने भाग लिया श्री आदिनाथ भगवान की आराधना करते हुए बाल ब्रह्मचारी श्री राकेश भैया जी ने बताया कि आज श्री भक्तांमर जी के 39 वें एवं 40 वें काव्य की आराधना की जा रही है इस आराधना से कोई भी व्यक्ति जो 39 में काव्य की आराधना करता है वह वन में भ्रमण कर सकता है उसे सिंह आदि का भय नहीं होता साथ ही 40 में काव्य की आराधना करने से दावानल का भय भी नहीं सताता । इस अवसर पर लेखराज नगर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार जैन महामंत्री बसंत कुमार जैन मंत्री डॉ पी के जैन कोषाध्यक्ष भारत भूषण जैन उपाध्यक्ष सुभाष चन्द्र जैन कार्यकारिणी सदस्य पदम कुमार जैन सुनील जैन मनोज जैन महावीर जैन उपस्थित रहे। इंद्रो में श्री अजय कुमार जैन विनोद कुमार जैन सचिन जैन अतिशय जैन राजकुमार जैन निषिध जैन विकास जैन जैन सुनील जैन मनोज जैन दर्पण जैन सुकुमाल जैन संजय जैन इंद्राणियों में श्रीमती नीरजा जैन प्रभा जैन अनीता जैन स्वीटी जैन शिल्पी जैन प्रीति जैन श्रीमती सीमा जैन त्रिशला जैन बीना जैन श्रीमती सरिता जैन प्रेमलता जैन मधु जैन खिरनी गेट श्रीमती शालिनी जैन साधना जैन मनीषा जैन रेनू जैन पूनम जैन लक्ष्मी जैन रागनी जैन प्रभा जैन सरोज जैन रिद्धि जैन श्रीमती सुधा जैन श्रीमती सृष्टि जैन श्रीमती अंजू जैन शुभ्रा जैन साधना जैन मंगेश जैन श्री पारसनाथ खंडेलवाल दिगंबर जैन मंदिर के अध्यक्ष श्री नरेंद्र कुमार जैन पूर्व अध्यक्ष श्री सुरेश कुमार जैन गढी़ कैलाश चंद्र जैन प्रदीप कुमार जैन पारस जैन आदि उपस्थित रहे। आदरणीय भैया जी द्वारा श्री आदिनाथ भगवान की आराधना करते हुए सीमा पर शहीद हुए परिवारों सीमा पर सभी जवानों के स्वस्थ एवं उनके परिवार के स्वास्थ्य की मंगल कामना जीवन की मंगल कामना करते हुए प्रभु के चरणों में अर्घ समर्पण किया एवं कामना की कि प्रत्येक जवान का परिवार शांति के साथ अपना जीवन यापन कर सके। पूरे विश्व में भारत के अहिंसा एवं दया धर्म की ध्वजा फहराये।