संवत् 1562 मार्गशीर्ष मास की शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को स्वामी हरिदास की संगीत साधना से प्रसन्न होकर ठाकुर बांकेबिहारी का निधिवन राज मंदिर से प्राकट्य हुआ। इस दिन को बिहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 18 दिसंबर को मनाया जाएगा। वृंदावन में बांके बिहारी के प्राकट्यत्सव बिहार पंचमी से एक दिन पूर्व शनिवार को सुबह से ही दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
बांके बिहारी मंदिर से करीब 500 मीटर दूर विद्यापीठ चौराहा से लेकर मंदिर तक भक्तों की जबरदस्त भीड़ लगी रही। वहीं दूसरी ओर मंदिर से लेकर दाऊजी तिराहा तक भक्तों की कतार लगी। बांके बिहारी मंदिर का चौक जगमोहन खचाखच दलों से भरा रहा। जैसे-जैसे मंदिर के पट बंद होने का समय हुआ वैसे श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि होती रही। बांके बिहारी मंदिर की शिकायत अशोक गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर बांके बिहारी का प्राकट्योत्सव रविवार को है। बांके बिहारी का का जन्मोत्सव मनाने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आएंगे। शनिवार को भक्तजन उत्सव से पहले ही अपने आराध्य के दर्शन करने आ रहे हैं।