नैमिषारण्य/लहरपुर। पौष अमावस्या पर बृहस्पतिवार को चक्रतीर्थ व गोमती में श्रद्धालुओं ने भीषण ठंड के बीच आस्था की डुबकी लगाई। स्नान व दर्शन के बाद परंपरा के अनुसार श्रद्धालुओं ने तीर्थ पुरोहितों को दान दिया। गाय व तुलसी का विधि-विधान से पूजन किया।अमावस्या पर स्नान दान के लिए देश भर के श्रद्धालुओं का आगमन बुधवार रात से ही होने लगा था। रात 12 बजे के बाद से ही पावन चक्रतीर्थ व गोमती नदी के राजघाट, देवदेवेश्वर घाट और रुद्रावर्त धाम में स्नान पूजन का क्रम शुरू हो गया। भीषण ठंड पर आस्था भारी पड़ी। मध्यरात्रि से स्नान व पूजन का शुरू हुआ क्रम बृहस्पतिवार दोपहर तक अनवरत चलता रहा। विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद पुरोहितों को दान कर पुण्य कमाया।
इसके बाद भक्तों ने मां ललिता देवी के पावन श्री चरणों में शीश नवाने के साथ व्यास गद्दी, हनुमान गढ़ी, कालीपीठ, सूत गद्दी, शौनक गद्दी, देवदेवेश्वर धाम, भूतेश्वर नाथ, बालाजी मंदिर आदि देव स्थानों में दर्शन पूजन किया। उधर, लहरपुर के प्रसिद्ध सूर्य कुंड मंदिर प्रांगण स्थित सरोवर में स्नान कर श्रद्धालुओं ने भोले शंकर की विशेष पूजा अर्चना की। मान्यता है, कि इस पवित्र सरोवर में स्नान करने से मनुष्य सभी रोगों से मुक्त हो जाता है। पौष अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह हवन पूजन किया। भगवान शंकर का रुद्राभिषेक के साथ भंडारों के अलावा मेले का भी आयोजन किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात रहा।