शिक्षा

डायबिटिक स्टूडेंट्स को बहुत फायदा मिलेगा और वे शुगर लेवल ड्रॉप होने के खतरे से बच सकेंगे.

एग्जाम्स में कई बार स्ट्रेस लेवल बढ़ने और बच्चों के ठीक से ना खाने-पीने के कारण शुगर लेवल घट जाते हैं

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के छात्रों के लिए बड़ी खबर है. ये खबर खासतौर पर उन स्टूडेंट्स के लिए है जिन्हें टाइप वन डायबिटीज है. बोर्ड ने अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव करते हुए ऐसे स्टूडेंट्स को एग्जाम हॉल में मेडिकल इक्विपमेंट्स, स्नैक्स आदि ले जानी की छूट दे दी है. वे अपने साथ ग्लूकोमीटर, शुगर स्ट्रिप्स या ऐसा कोई भी मेडिकल  का जरूरत का सामान ले जा सकते हैं जिनकी जरूरत उन्हें डायबिटीज मैनेज या मॉनिटर करने के लिए पड़ती है.

स्टूडेंट्स को मिलेगी राहत इस नियम के लागू होने के बाद डायबिटिक स्टूडेंट्स को बहुत फायदा मिलेगा और वे शुगर लेवल ड्रॉप होने के खतरे से बच सकेंगे. एग्जाम्स में कई बार स्ट्रेस लेवल बढ़ने और बच्चों के ठीक से ना खाने-पीने के कारण शुगर लेवल घट जाते हैं. ऐसे बच्चों को इसकी चिंता परीक्षा के साथ अलग से लगी रहती हैं. सीबीएसई के इस फैसले से इन्हें राहत मिलेगी. ये अपने साथ कैंडी, ग्लूकोमीटर, स्नैक्स वगैरह ले जा सकते हैं.

क्या है नियम

  • ऐसे स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को एक अंडरटेकिंग देनी होगी कि उनका बच्चा केवल मेडिकल या जरूरत की चीजें हॉल में ले जा रहा है, उसमें कोई कम्यूनिकेटिंग डिवाइज या कोई आपत्तिजनक चीज नहीं है.
  • जिस सेंटर पर बच्चे की परीक्षा है, वहां के सुपरिटेंडेंट को एक दिन पहले इस बाबत एप्लीकेशन के माध्यम से सूचना देनी होगी. अपने साथ क्या-क्या सामान ला रहे हैं इसके बारे में भी बताना होगा.
  • कैंडिडेट्स ग्लूकोमीटर से लेकर, चॉकटेल, कैंडी या फल ये सभी कुछ एक ट्रांसपैरेंट बैग में कैरी कर सकते हैं. इसके साथ ही वे 500 एमएल तक की वॉटर बॉटल जो ट्रांसपैरेंट हो उसे भी अपने साथ रख सकते हैं.
  • एलओसी सबमिट करने के दौरान इन स्टूडेंट्स की लिस्ट दी जानी चाहिए. रजिस्ट्रेशन के समय इस बात का जिक्र जरूरी है.
  • परीक्षा से पहले हर दिन इन स्टूडेंट्स को कम से कम 45 मिनट पहले आना होगा

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!