प्रभारी अधिकारी आपदा मीनू राणा ने शीतलहर से सुरक्षा उपायों की दी जानकारी
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व और प्रभारी अधिकारी आपदा मीनू राणा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जनपदवासियों को शीतलहर से बचाव के लिए सुरक्षा उपायों की जानकादी दी है। उन्होंने कहा है कि स्थानीय रेडियो, दैनिक समाचार पत्र, टीवी एवं मोबाइल फोन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें। कोयले की अंगीठी, मिट्टी तेल का चूल्हा, हीटर का प्रयोग करते समय सावधानी बरते और कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन, वेंटिलेशन बनाये रखे; ताकि कमरे में विषाक्त व जहरीला धु्आं इकट्ठा न हो। उन्होंने यह भी कहा है कि शरीर को सूखा रखें, गीले कपड़े तुरन्त बदल लें, ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। घर में अलाव का सामान न हो तो अत्यधिक ठंड के दिनों में सामुदायिक केन्द्रों, स्थलों पर जाएं, जहां प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबन्ध किया गया हो। कई स्तरों वाले गर्म कपड़े जैसे-ऊनी कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर का प्रयोग आपको शीतदंश से बचा सकता है।
उन्होंने बताया कि अत्यधिक ठण्ड व कोहरा पड़ने पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को जितना हो सके घर के अंदर रखें। शरीर में ऊष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पोषक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। हाइपोथर्मिया के लक्षणों जैसे-असामान्य शरीर का तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, विचलन, असीमितत ठितुरना, सुस्ती, थकान, तुतलाना, थकावट की स्थिति होने पर अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। उन्होंने बताया कि शीतदंश के लक्षणों जैसे-शरीर के अंगों का सुन्न पड़ना, हाथों-पैरों की उँगलियों, कान, नाक पर सफेद या पीले रंग के दाग उभर आने पर अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। बिजली चले जाने पर फ्रीजर का दरवाजा बंद रखने पर फ्रीजर 48 घंटे तक भोजन को सुरक्षित रख सकता है। अपने आस-पास के अकेले रहने वाले किसी भी पड़ोसियों की जानकारी रखें, खासकर बुजुर्गों की और किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन पर संपर्क करें।