
अलीगढ़ : जिले में साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं आमजन को त्वरित राहत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला पुलिस द्वारा ठोस और निरंतर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के निर्देशों के क्रम में जिले के सभी थानों पर साइबर हेल्पडेस्क का गठन किया गया है, जहाँ प्रशिक्षित अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात रहकर साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित कर रहे हैं।पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि इस वर्ष मण्डल में साइबर ठगी सं संबंधित दर्ज 620 मुकदमों के सापेक्ष 195 का निस्तारण किया गया। बड़ी संख्या संख्या में पीड़ितों की धनराशि भी वापस कराई गई है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि नेट बैंकिंग के उपयोग में सतर्कता बरतें और घटना के घटित होने पर तत्काल साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं। वहीं एसपी क्राइम ममता कुरील ने बताया कि दिसंबर माह में अब तक 1 करोड़ 23 लाख की ठगी के सापेक्ष लगभग 21 प्रतिशत धनराशि को सुरक्षित किया गया है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि जिला पुलिस द्वारा साइबर ठगी से संबंधित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक खातों की धनराशि को होल्ड एवं लीनमार्क कराया जा रहा है, साथ ही संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है। वहीं 10,000 रुपए से कम की साइबर ठगी के मामलों में संदिग्ध मोबाइल नंबर एवं आईएमईआई को ब्लॉक कराने की प्रभावी व्यवस्था लागू की गई है, जिससे ठगों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।एसएसपी ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम के साथ-साथ आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए जिला पुलिस द्वारा व्यापक जनजागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों, बाजारों एवं सार्वजनिक स्थलों पर कार्यशालाओं और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को साइबर ठगी के तरीकों, सावधानियों एवं हेल्पलाइन सेवाओं की जानकारी दी जा रही है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने कहा है कि जिला पुलिस का स्पष्ट उद्देश्य है कि तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ नागरिकों को साइबर अपराधों से सुरक्षित रखा जाए और प्रत्येक पीड़ित को शीघ्र न्याय और सहायता उपलब्ध कराई जाए। सतर्कता, जागरूकता और सख्त कार्रवाई के माध्यम से साइबर ठगों के मंसूबों को विफल करने की दिशा में पुलिस लगातार प्रभावी कदम उठा रही है।



