मण्डलायुक्त ने किसान यूनियन के पदाधिकारियों एवं अधिकारियों के साथ की बैठक
किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने 12ः32ः16 एनपीके उपलब्ध कराए जाने की रखी बात
बिना वैज्ञानिक तथ्य जाने समझे और मिट्टी की जांच कराए बिना उर्वरक प्रयोग से लागत बढ़ने के साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति होती है प्रभावित –रविन्द्र, मण्डलायुक्त
अलीगढ़ – मण्डलायुक्त रविंद्र की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में अलीगढ़ एवं हाथरस के किसान यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक आहूत की गई। बैठक में डीएपी एवं यूरिया खाद के प्रयोग एवं एनपीके और नैनो उर्वरक से दूरी बनाए रखने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी। मण्डलायुक्त ने किसान यूनियन के पदाधिकारियों से संवाद स्थापित करते हुए यह जानने की कोशिश की कि हमारे कृषक एनपीके एवं नैनो यूरिया का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहते हैं।
मंडलायुक्त ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पेशेवर किसान से बड़ा कोई कृषि वैज्ञानिक नहीं। परन्तु आप लोग बिना वैज्ञानिक तथ्य जाने समझे और मिट्टी की सेहत की जांच कराए बिना ही उर्वरक का प्रयोग कर रहे हैं जोकि यह आपकी लागत को बढ़ाने के साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी प्रभावित करता है। डीएपी मिट्टी में मिलने के कुछ समय बाद असर दिखाती है, जबकि एनपीके आसानी से घुल जाता है। एनपीके में पोटेशियम होने के कारण यह फसलों के लिए ज्यादा असरकारक है।
बैठक में उपस्थित किसान यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा मंडलायुक्त का आभार प्रकट किया गया कि उन्होंने उनकी समस्या को समझा और समाधान के लिए यह बैठक बुलाई है। किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि विभिन्न कंपनियों द्वारा एनपीके के कई ब्रांड तैयार किए जाते हैं यदि उन्हें 12ः32ः16 एनपीके मिलेगा तो वह अवश्य ही एनपीके खाद का प्रयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि एनपीके 12ः32ः16 सबसे ज्यादा पोषक तत्वों वाला उर्वरक है इसमें पौधों के सभी तीन पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
मंडलायुक्त ने संयुक्त निदेशक कृषि राकेश बाबू को निर्देशित किया कि वह किसान यूनियन के पदाधिकारियों की बात को गंभीरता से लेते हुए मांग के अनुरूप एनपीके की व्यवस्था कराएं। इस दौरान मंडलायुक्त ने नैनो यूरिया के प्रयोग पर विशेष बल देते हुए कहा कि हमारे कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विशेष तरल उर्वरक बनाया गया है। इसके उपयोग से उर्वरक लागत में कमी और अधिक उपज मिलने के साथ प्रदूषण का भी प्रभाव कम होता है। उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी के साथ फसलों में गुणवत्ता भी देखने को मिलती है, क्योंकि दानेदार यूरिया से पौधों को 30 फीसद नाइट्रोजन मिलता है वहीं नैनो यूरिया से 90 फीसद नाइट्रोजन प्राप्त होता है। छिड़काव के साथ लाने ले जाने में भी नैनो यूरिया काफी आसान है। इस पर किसान यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा मंडलायुक्त को बताया गया कि नैनो यूरिया का छिड़काव करने में किसानों की लागत बढ़ रही है और पौधों में उतना हरापन नहीं आ पाता है, जितना साधारण उर्वरक से आता है।
बैठक का संचालन संयुक्त निदेशक कृषि राकेश बाबू द्वारा किया गया। बैठक में उपनिदेशक सहकारिता, सहायक निबंधक सहकारिता, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी हाथरस एवं अलीगढ़, इफको एवं कृभको के प्रतिनिधि सहित किसान यूनियन के पदाधिकारी तेजवीर सिंह, विनोद वर्मा उपस्थित रहे।