मण्डलायुक्त ने की जन्म-मृत्यु पंजीयन योजना की मण्डल स्तरीय अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की समीक्षा
जन्म-मृत्यु के 21 दिन के अन्दर पंजीकरण कर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिये जायें
नगर निगम समेत समस्त स्थानीय निकाय एवं ग्राम पंचायत सहायक व समस्त सरकारी चिकित्सालय से बनवाएं जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र
जन्म की अनुमानित संख्या एवं समेकित पंजीकृत संख्या में विषमता होने पर मण्डलीय नोडल अधिकारी को पुनः परीक्षण के निर्देश
महिलाओं के मृत्यु पंजीकरण पर विषेष ध्यान देने के दिये निर्देश
शहरी एवं ग्रामीण पंजीकरण इकाइयों को सीआरएस पोर्टल का आई0डी0 एवं पासवर्ड उपलब्ध कराया जाये –नवदीप रिणवा, मण्डलायुक्त
अलीगढ़- मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में आयुक्त महोदय, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ की अध्यक्षता में जन्म-मृत्यु पंजीयन योजना की मण्डल स्तरीय अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की समीक्षा की गयी। मण्डलायुक्त नेकहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के साथ ही अनेक अवसरों पर जनसाधारण को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्रों की आवश्यकता पड़ती है। इन प्रमाण-पत्रों को प्राप्त करने में जनसाधारण को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जनसामान्य की इन्हीं कठिनाईयों को दूर कराते हुए उन्हें निर्धारित समयावधि में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना ही इस बैठक का मुख्य उद््देश्य है।
मण्डलायुक्त ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिये कि जन्म अथवा मृत्यु की घटना के 21 दिन के अन्दर संबंधित घटना का पंजीकरण कर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिये जायें। प्रमाण पत्र भारत सरकार द्वारा निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण कर पोर्टल से ही जारी किये जायें। अन्य प्रारूप पर प्रमाण-पत्र जारी न कियंे और अन्य प्रमाण पत्रों को स्वीकार न किया जाये। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समस्त नगर निगम, स्थानीय निकाय एवं ग्राम पंचायत सहायक व समस्त सरकारी चिकित्सालयों को अधिकृत किया गया है। उन्होंने समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जिलाधिकारियों के साथ समस्त विभागों की एक बैठक कराते हुए, कार्यदायित्व के संबंध में एस०ओ०पी० जारी करायें और जनसाधारण में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।
मण्डलायुक्त ने जन्म पंजीकरण में जन्म की अनुमानित संख्या एवं समेकित पंजीकृत संख्या में जनपदों की स्थिति में काफी विषमता होने एवं आंकड़े सही न होने पर नाराजगी प्रकट करते हुए मण्डलीय नोडल अधिकारी डा0 वी0के0 सिंह को जन्म-मृत्यु पंजीयन योजना निर्देशित किया कि वह अपने स्तर से परीक्षण कर लें कि क्या ये आंकड़े सही ढंग से भरे गये हैं अथवा नहीं। मण्डलायुक्त ने निजी चिकित्सालयों में गत दो माह में सूचित की जानी वाली मृत्यु की घटनाएं शून्य भेजे जाने पर निर्देश दिये कि समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत मृत्यु की घटनाएं सूचित करें एवं उच्चाधिकारियों को ससमय रिपोर्ट प्रेषित करते रहें। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु के प्रकरणों में मृत्यु के पंजीकरण एवं एम0सी0सी0डी0 के प्रपत्र अनिवार्यतः भरा जाये।
कमिश्नर ने कहा कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण की वर्ष 2020 की रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि पुरूषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु पंजीकरण लगभग आधा हो रहा है। अतः महिलाओं के मृत्यु पंजीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाये। जन्म-मृत्यु पंजीकरण से सरकारी अस्पतालों का प्रदर्शन एवं विलंबित मामलों में की गयी कार्यवाही की स्थिति के संबंध में समस्त जिलाधिकारियों को अवगत करा दिया जाये। सभी शहरी एवं ग्रामीण पंजीकरण इकाइयों को सीआरएस पोर्टल का आई0डी0 एवं पासवर्ड उपलब्ध करा दिया जाये एवं रजिस्ट्रार का मोबाइल नंबर दर्ज करा दिया जाये। उन्होंने सभी विकास खण्ड कार्यालयों में विकास खण्ड के अधीन आने वाली सभी ग्राम पंचायतों के स्थानीय रजिस्ट्रारों के नाम, पता व मोबाइल नंबर की सूची को स्थायी नोटिस बोर्ड एवं जनपद की एन0आई0सी0 की वेबसाइट पर प्रसारित कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सी0आर0एस0 द्वारा जारी रजिस्ट्रार की आई0डी0 पर facsimile signature अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाये जिससे जारी किये गये प्रमाण-पत्रों की ऑनलाईन जांच QR माध्यम से करना संभव हो सके।
बैठक में मण्डल के समस्त जिलाधिकारी, मुख्यविकास अधिकारी, मण्डलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, समस्त मुख्यचिकित्साधिकारी, पंचायतीराज अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।