डीएम ने जल शक्ति मंत्रालय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के समक्ष जिले के नवाचार का दिया प्रस्तुतिकरण
01 रूपये प्रतिदिन स्वच्छता शुल्क से ग्रामों में स्थापित हो रही दृश्यमान स्वच्छता

अलीगढ़ जिलाधिकारी विशाख जी0 द्वारा सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के संयुक्त सचिव के समक्ष स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ठोस व अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में जिले में किए गए नवाचार की प्रगति पर प्रस्तुतिकरण किया गयाआपको बता दें कि विभिन्न प्रदेशों के जिलाधिकारियों से जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने एसबीएम ग्रामीण के द्वितीय चरण के तहत की जा रही नवाचार गतिविधियों की जानकारी चाही गई थी। जिलाधिकारी विशाख जी0 के विशेष प्रयास से प्रदेश भर से मात्र अलीगढ़ का चयन किया गया सोमवार को जिलाधिकारी विशाख जी0 ने ”जिलाधिकारी के साथ संवाद” कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के संयुक्त सचिव से संवाद करते हुए नवाचार के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 852 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 435 ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 29 ग्राम पंचायतों, द्वितीय चरण में 52 ग्राम पंचायतों, तृतीय चरण में 161 ग्राम पंचायतों एवं चतुर्थ चरण में 193 ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण का कार्य आरंभ करते हुए वर्तमान में 435 ग्राम पंचायतों में ई-रिक्शा के माध्यम से घर-घर से कूड़ा संग्रहण का कार्य कराया जा रहा है।जिलाधिकारी विशाख जी0 ने बताया कि आरंभ में माह मार्च 2024 में 81 ग्राम पंचायतों से 20804 घरों से कूड़ा एकत्रीकरण कार्य कराते हुए 7.30 लाख रूपये कूड़ा संग्रहण स्वच्छता शुल्क प्राप्त किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में 435 ग्राम पंचायतोें में ई-रिक्शा के माध्यम से 62135 घरों को आच्छादित करते हुए 43.51 लाख रूपये स्वच्छता शुल्क प्राप्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता शुल्क से अन्त्योदय कार्डधारक एवं गरीबों को मुक्त रखा गया है जबकि सक्षम परिवारों से 01 रूपया प्रतिदिन और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों-बैंक, पेट्रोल पंप, लिकर शॉप, होटलढ़ावा एवं अन्य बड़ी इकाईयों से उनकी से क्षमता अनुरूप स्वच्छता शुल्क लिया जा रहा है, इससे ग्रामों में भी दृश्यमान स्वच्छता स्थापित हो रही है।
डीएम ने बताया कि यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से 366 प्रतिभागियों का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, ग्राम प्रधानों, सचिवों, पंचायत सहायकों और स्वच्छता कार्यकर्ताओं को एसओपी और ट्रिगरिंग टूल्स पर दो दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर ग्राम प्रधानों का नेतृत्व प्राप्त करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर स्लोगन की वॉल पेंटिंग कराई गई। घर-घर कूड़ा संग्रहण में प्रयुक्त वाहनों का रूट चार्ट एवं रोस्टर निर्धारित करते हुए विभागीय सफाईकर्मियों के साथ अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती कूड़ा संग्रहण वाहनों में जीपीएस ट्रैकर और स्वच्छता शुल्क जमा करने के लिए क्यू0आर0 कोड और ऑफलाइन सुविधा भी प्रदान की गई।उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण से प्राप्त हो रहे स्वच्छता शुल्क से ग्राम पंचायतें आत्मर्निर्भर बन रही हैं। 435 ग्राम पंचायतों में 184 अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की तैनाती भी की गई। 28182 मानव दिवस का सृजन किया गया है। अपशिष्ट संग्रहण वाहन, फॉगिंग मशीन, आरआरसी, स्वच्छता कार्यकर्ता किट व उपकरण की खरीद के साथ ही आरआरसी का नवीनीकरण और अपशिष्ट वाहन ई-रिक्शा का रखरखाव भी किया जा रहा है।”जिलाधिकारी के साथ संवाद” कार्यक्रम के अंत में सचिव जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकारपेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने अलीगढ़ जिले के प्रस्तुतिकरण की सराहना की।