पाकिस्तान में तेज बारिश के कहर के चलते कई घर ढह गए और भूस्खलन के चलते कम से कम 29 लोगों की जान चली गईं
48 घंटों में देश भर में हुई भारी बारिश के कारण कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई
पाकिस्तान में तेज बारिश के कहर के चलते कई घर ढह गए और भूस्खलन के चलते कम से कम 29 लोगों की जान चली गईं. स्थानीय अधिकारियों ने इस बारे में रविवार (3 मार्च, 2024) को पुष्टि की और बताया कि पिछले 48 घंटों में देश भर में हुई भारी बारिश के कारण कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हुए. बारिश में कई घर ढहे और भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गई थीं. ऐसा तब हुआ है जब पाकिस्तान में भारी बर्फबारी हो रही है.अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बयान में कहा गया कि गुरुवार रात से अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के विभिन्न इलाकों में बारिश की वजह से करीब 23 लोगों की मौत हुई. दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में तटीय शहर ग्वादर में बाढ़ आने से 5 लोगों की मौत हो गई और इस दौरान लोगों को निकालने के लिए बाढ़ सुरक्षा दल ने नाव का इस्तेमाल किया.
सड़क से हटाया जा रहा मलबा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में भी हताहत हुए लोगों और नुकसान की सूचना मिली है. प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को आपातकालीन राहत दी जा रही है और राजमार्गों को अवरुद्ध करने वाले मलबे को हटाने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है.उत्तरी गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र के प्रवक्ता फैजुल्लाह फराक ने बताया कि देश का काराकोरम राजमार्ग जो पाकिस्तान को चीन से जोड़ता है, भूस्खलन के कारण कुछ स्थानों पर अभी भी अवरुद्ध है. अधिकारियों ने मौसम की स्थिति के कारण पर्यटकों को सुंदर उत्तर की ओर यात्रा न करने की सलाह दी है. पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण कई पर्यटक वहां फंस गए थे.
साल 2022 में भारी संख्या में हुई थी मौत वैसे, इस साल पाकिस्तान में सर्दियों के दौरान बारिश में असामान्य देरी देखी जा रही है, जो नवंबर के बजाय फरवरी में शुरू हुई थी. पाकिस्तान में हर साल मॉनसून और सर्दियों की बारिश से नुकसान होता है. साल 2022 में असामान्य बारिश और बाढ़ ने पाकिस्तान के अधिकांश क्षेत्रों को तबाह कर दिया था, जिसमें 1,739 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. साल 2022 में बारिश और बाढ़ के कारण देश की अर्थव्यवस्था को भी अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था.