दैवीय आपदाओं के बारे में अर्ली वार्निंग समय पर पहुॅचाई जाए – सीडीओ
अलीगढ -वज्रपात, सर्पदंश, नाव दुर्घटना, बाढ़ तथा डूबने के कारण होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने हेतु उ०प्र० राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकर गई हं,ै जिनके आधार पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जन-मानस को जागरूक किये जाने का कार्य किया जाता है।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने बताया है कि विभिन्न आपदाओं के संबंध में समाज के प्रत्येक स्तर एवं अंतिम पायदान पर खडे व्यक्तियों में जागरूकता लाने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया तथा अन्य टेक्नोलॉजी उपायों के माध्यम से जन-मानस में प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न कार्यवाहियां की जा रही हैं। यद्यपि राज्य एवं जिला स्तर से अर्ली वार्निंग जारी की जाती है परन्तु अब यह आवश्यकता है कि ऐसे प्रयास किये जांये कि अर्ली वार्निंग जनमानस तक समय से पहुँचे एवं अर्ली वार्निंग के महत्व से जन सामान्य को अवगत एवं जागरूक कराया जाये अतः विभिन्न आपदाओं से हो रही जनहानियों के दृष्टिगत अन्य प्रयास किये जाने की भी आवश्यकता है।
उन्होंने कहा है कि जनपद, विकास खंड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जन-मानस को सचेत एवं जागरूक किये जाने के संबंध में पारम्परिक तरीकों जैसे कि प्रिन्ट मीडिया, नुक्कड़ नाटक, जनसभा इत्यादि का उपयोग किया जाना भी अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि प्रायः ऐसे पारम्परिक उपायों का अभाव देखा जा रहा है। समाज के प्रत्येक स्तर एवं अंतिम पायदान तक जन-जागरूकता फैलाने हेतु यह आवश्यक है कि टेक्नोलॉजी एवं पारम्परिक उपायों दोनों का ही प्रयोग किए जाने के लिए जनपद, तहसील, ब्लॉक तथा ग्राम पंचायत स्तर पर किसी भी राजकीय आयोजन जैसे कि तहसील दिवस, थाना दिवस, जनता दर्शन कार्यक्रम, गांव की चौपाल में आपदाओं से बचाव के उपायों पर चर्चा की जाएगी। नुक्कड़ नाटक, पोस्टर, पैम्फलेट के साथ-साथ गांव की हॉट, बाजार, में भी छोटे-छोटे समूहों में आपदा प्रबंधन को चर्चा का विषय बनाया जाएगा। चेतावनी को ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचाने के लिए विभागों के प्रत्येक स्तर के अधिकारी, कर्मचारी का दायित्व प्राधिकरण द्वारा तैयार की गयी वज्रपात पूर्व चेतावनी तंत्र मानक संचालन प्रक्रिया में विस्तृत रूप से उल्लिखित है का अनुपालन कडाई से करने के निर्देश दिए हैं।