लोकसभा चुनाव में परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लगते जा रहे हैं.
दिल्ली में जहां कांग्रेस के दो पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया
इस लोकसभा चुनाव में परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लगते जा रहे हैं. अब दिल्ली में जहां कांग्रेस के दो पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. दोनों पूर्व विधायकों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन और बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देने पर नाराजगी जताई है और रिजाइन कर दिया है.बता दें, हाल ही में अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इन्हीं वजहों के चलते इस्तीफा दिया था. पूर्व विधायक नसीब सिंह ने कहा, “आपने देविंदर यादव को डीपीसीसी प्रमुख नियुक्त किया है. उन्होंने एआईसीसी पंजाब प्रभारी के रूप में पंजाब में पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल के झूठे एजेंडे के आधार पर अभियान चलाया. अब दिल्ली में उन्हें आप और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा और समर्थन करने का दायित्व सौंपा गया. पार्टी में हाल के घटनाक्रम से बेहद दुखी और अपमानित होकर मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं.”
देवेंद्र यादव दिल्ली इकाई के अंतरिम अध्यक्ष
बता दें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ हुए गठबंधन के खिलाफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया. लवली के इस्तीफे के दो दिन बाद कांग्रेस ने मंगलवार (30 अप्रैल) को देवेंद्र यादव को दिल्ली इकाई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया.
अरविंदर सिंह लवली ने क्यों दिया इस्तीफा?
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को शनिवार को भेजे अपने इस्तीफे में लवली ने कहा था कि वह अपने आप को लाचार महसूस कर रहे थे, क्योंकि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया एकपक्षीय तरीके से रोक लगा देते थे. लवली ने कहा था कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई आप के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, लेकिन पार्टी आलाकमान ने फिर भी उनके साथ गठबंधन किया.