देश की राजनीति में आज भी साधारण पृष्ठभूमि वाली महिलाओं का राजनीति में नाम बनाना किसी चुनौती से कम नहीं
हिमाचल प्रदेश में इसमें कोई अपवाद नहीं है. यहां भी आज तक सिर्फ तीन ही महिलाएं सांसद बनकर लोकसभा पहुंच चुकी हैं.
हर राजनीतिक दल का महिला वोटरों को लुभाने पर विशेष ध्यान रहता है, लेकिन आज भी देश की राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नाम मात्र है. देश की राजनीति में आज भी साधारण पृष्ठभूमि वाली महिलाओं का राजनीति में नाम बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है. हिमाचल प्रदेश में इसमें कोई अपवाद नहीं है. यहां भी आज तक सिर्फ तीन ही महिलाएं सांसद बनकर लोकसभा पहुंच चुकी हैं. इनमें अमृत कौर, चंद्रेश कुमारी और प्रतिभा सिंह शामिल हैं. यह तीनों ही राजपरिवार से संबंध रखती हैं. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सिर्फ दो ही महिलाएं उम्मीदवार चुनावी रण में हैं. इनमें मंडी से बीजेपी की कंगना रनौत और कांगड़ा से बसपा की टिकट पर रेखा रानी शामिल हैं.साल 1952 में पहली बार अमृत कौर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई. वे देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री भी बनीं. अमृत कौर कपूरथला के शाही परिवार से संबंध रखती थीं. इसके बाद साल 1984 तक कभी महिलाओं को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया ही नहीं गया. साल 1984 में जोधपुर के शाही परिवार से संबंध रखने वाली चंद्रेश कुमारी को टिकट मिला. उनकी शादी हिमाचल प्रदेश में हुई थी. कांग्रेस ने कांगड़ा से चुनावी मैदान में उतारा और चंद्रेश कुमारी ने जीत हासिल की
2004 में पहली बार चुनाव जीती थीं प्रतिभा सिंह साल 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह ने पहली बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. इससे पहले साल 1998 में उन्होंने टिकट मिला था, लेकिन वह चुनाव जीत नहीं सकी थी. प्रतिभा सिंह साल 2013 और साल 2021 में हुए उपचुनाव में भी प्रतिभा सिंह को जीत मिली. इस बीच साल 2014 में प्रतिभा सिंह प्रचंड मोदी लहर में पंडित रामस्वरूप शर्मा से चुनाव हार गई थीं.
विधानसभा में सिर्फ एक महिला विधायक हिमाचल प्रदेश में वोटरों की कुल संख्या 56 लाख 38 हजार 422 है. इनमें 28 लाख 79 हजार 200 पुरुष और 27 लाख 59 हजार 187 महिला वोटर शामिल हैं. प्रदेश में तीसरे लिंग के भी 35 मतदाता हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी मौजूदा वक्त में सिर्फ एक ही महिला विधायक है. पच्छाद से रीना कश्यप बीजेपी की टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीतकर आई हैं. हिमाचल प्रदेश में साल 1967 तक एक भी महिला विधायक निर्वाचित नहीं हो सकी. साल 1977 से लेकर साल 2022 तक भी एक-एक महिला विधायक विधानसभा पहुंची.
1999 में जीती थीं सात महिला विधायक साल 2024 में हिमाचल की चार सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इनमें से कांग्रेस ने ही लाहौल स्पीति में महिला प्रत्याशी अनुराधा राणा को मैदान में उतारा है. त्रिकोणीय मुकाबले में अगर अनुराधा राणा जीती, तो वे हिमाचल विधानसभा पहुंचने वाली दूसरी महिला विधायक होंगी. हालांकि साल 1998 इसमें अपवाद है. इस साल सबसे ज्यादा सात महिला विधायक विधानसभा पहुंची थीं. लोकसभा से इतर एक खास बात यह है कि हिमाचल प्रदेश से अब तक आठ महिलाएं राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं. मौजूदा वक्त में भी इंदु गोस्वामी भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा की सांसद हैं.