अलीगढ़

विकास भवन में आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को किया सम्मानित

लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम का हुआ सजीव प्रसारण

अलीगढ़ ): भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में काकोरी ट्रेन एक्शन कोई घटना नहीं बल्कि चेतना है, जो सामाजिक एवं वैचारिक परिवर्तन की राह दिखाती है। 9 अगस्त 1925 को जब ट्रेन काकोरी रेलवे स्टेशन पहुंची तो हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोशिएसन के साहसी युवा क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश सरकार का खजाना लूट लिया। इस साहसिक योजना का उद्देश्य अंग्रेजी हुकूमत को आर्थिक हानि पहुंचाना और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए धन एकत्रित करना था।उक्त उद्गार परियोजना निदेशक डीआरडीए भालचंद्र त्रिपाठी ने काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के समापन अवसर पर विकास भवन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि इन वीर सपूतों राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह और उनके साथियों के बलिदान को स्मरण करते हुए उनके दिखाई मार्ग पर चलें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। जिला विकास अधिकारी आलोक आर्य ने कहा कि आज से 100 वर्ष पूर्व हुआ ट्रेन एक्शन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में युवाओं की भागीदारी, संगठन की शक्ति और बलिदान की भावना का अमिट प्रतीक बन गया है।इस अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम का एलईडी के माध्यम से सजीव प्रसारण किया गया। विकास भवन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन कामेश गौतम, राजेंद्र सिंह चौहान, पंकज धीरज, सुरेन्द्र शर्मा का माल्यार्पण कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर पीडी समेत सभी अतिथियों द्वारा विकास भवन परिसर में पौधरोपण भी किया गया।

JNS News 24

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