किसान भाई रुई की खेती कर अच्छा लाभ हासिल कर सकते हैं. किसान भाइयों को रुई की खेती करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना होगा, आइए जानते हैं. रुई की खेती करने के लिए जमीन को अच्छी तरह से ध्यान रखना होगा. रुई की खेती के लिए भूमि को अच्छी तरह से समतल करना जरूरी है. किसान भाई भूमि में पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद डालें.रुई की बुवाई के लिए बीज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता पर विचार करें.अक्सर प्रति एकड़ 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. बीज को 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर लगाएं. रुई की फसल को अच्छी सिंचाई चाहिए. पहली सिंचाई १०-१५ दिनों के बाद करें. इसके बाद आवश्यकतानुसार पानी डालते रहें. रुई की फसल अच्छी उपज देने के लिए पर्याप्त खाद और उर्वरक की जरूरत होती है.
खरपतवार नाशक का करें छिड़काव
बुवाई के दौरान प्रति एकड़ 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश डालें. 20 से 25 दिनों के बाद प्रति एकड़ 10 किलोग्राम नाइट्रोजन डालें. 40 से 50 दिनों के बाद प्रति एकड़ 10 किलोग्राम नाइट्रोजन डालें. खरपतवार की रोकथाम: रुई की फसल खरपतवार से पीड़ित हो सकती है. खरपतवारों को दूर करने के लिए खरपतवार नाशक छिड़काव करें.
धूप में सुखाना जरूरी
रुई की फसल को कई रोग और कीट लग सकते हैं. समय-समय पर फसल की जांच करें, रोग और कीटों को नियंत्रित करें. आवश्यकता के अनुसार रोग नाशक और कीटनाशक छिड़काएं. रुई 120 से 130 दिनों में पक जाती है. जब फसल पक जाए, तो कटाई करें. कटाई करने के बाद रुई को धूप में सूखने दें.
क्या हैं फायदे
रुई एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है.किसान भाई रुई को मार्केट में बेचकर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. रुई से सूती कपड़ा, धागा, रस्सी आदि बनते हैं.