हाथरस

किसान भाइयों द्वारा जनपद हाथरस में आलू एवं अन्य रवि फसलों हेतु डीएपी का अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया

डीएपी लगभग 2800 एमटी, यूरिया 11000 एमटी, एनपीके लगभग 2200 एमटी, एवं एसएसपी 1800 एमटी है जो कि भरपूर मात्रा में जनपद में उपलब्ध है

हाथरस डीएपी के और भी हैं विकल्प।
डीएपी के दुष्प्रभाव – किसान भाइयों द्वारा जनपद हाथरस में आलू एवं अन्य रवि फसलों हेतु डीएपी का अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है जिससे न सिर्फ किसान की जेब से अधिक पैसा खर्च होता है बल्कि इसके अत्याधिक उपयोग से पौधे की जड़ें भी प्रभावित होती हैं। अत्यधिक डीएपी मृदा की पानी सोखने की क्षमता पर बुरा असर डालती है जिससे मृदा का क्षरण बढ़ता है। एवं पौधे के विकास के लिए जरूरी सूक्ष्म तत्व जैसे बोरोन, आयरन, जिंक, मैंगनीज जैसे तत्वों का अवशोषण भी प्रभावित करता है। डीएपी में नाइट्रोजन लगभग 18 प्रतिशत होता है जिसका अधिक उपयोग जल प्रदूषण का कारण भी है। मिट्टी में मौजूद मित्र कीट जो पौधे के अच्छे विकास के लिए सहायक है उनको भी अत्यधिक डीएपी प्रभावित करता है।
एसएसपी, एनपीके हैं विकल्प- डीएपी की अपेक्षा एनपीके एवं एसएसपी अधिक घुलनशील एवं पौधे के द्वारा जल्दी अवशोषण करने में सहायक होती है, एसएसपी डीएपी की अपेक्षा काफी सस्ती भी है जिसका मूल्य 650 रुपए है, इनके उपयोग से न तो मित्र कीटों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और न ही मृदा के स्वास्थ पर।
जनपद में उर्वरक की स्थिति – जनपद में आज दिनांक में डीएपी लगभग 2800 एमटी, यूरिया 11000 एमटी, एनपीके लगभग 2200 एमटी, एवं एसएसपी 1800 एमटी है जो कि भरपूर मात्रा में जनपद में उपलब्ध है।
इफको की एक रैक 23.09.2025 को हाथरस किला प्वाइंट पर लगने जा रही है जिसमें जनपद को 1950 एमटी डीएपी, 750 एमटी एनपीके जनपद में स्थिति सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
जिला कृषि अधिकारी ने किसान भाइयों से अनुरोध किया है कि खाद लेते समय अपना आधार कार्ड एवं खतौनी अवश्य लेकर जाएं अनावश्यक उर्वरक का भंडारण न करें, अगर कोई दुकानदार अधिक मूल्य पर उर्वरक वितरण कर रहा है अथवा टैगिंग कर रहा है तो तत्काल जिला कृषि अधिकारी कार्यालय को अवगत कराएं संबंधित पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। किसान भाइयों से यह भी अनुरोध है कि वे डीएपी एवं अन्य  उर्वरक जिले की सहकारी समितियों या अधिकृत निजी उर्वरक विक्रेताओं से ही खाद खरीदें। यदि कोई व्यक्ति दुकान के अलावा डीएपी आपको क्रय करने हेतु प्रलोभन देता है तो किसान तत्काल इसकी सूचना जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में दें।

JNS News 24

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