क्वार्सी फार्म में किसान मेला एवं कृषि ज्ञान संगोष्ठी का हुआ आयोजन
मा0 अध्यक्ष जिला पंचायत ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ
अलीगढ़ क्वार्सी फार्म में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं विविधता के संवर्धन का टिकाऊ कृषि में महत्व विषयक किसान मेला एवं कृषि ज्ञान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मा0 अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती विजय सिंह ने माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया।मा0 अध्यक्ष जिला पंचायत ने कहा कि सरकार चाहती है कि अन्नदाता किसान की आय बढ़े। कम लागत में अधिक उपज हासिल हो। किसानों को उन्नतशील बीज मिलें। जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़े। सन्तुलित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग किया जाए। मिट्टी की सेहत की जांच कराकर ही बीज बोए जाएं। सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न प्रकार से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला तहसील एवं ब्लाक स्तर पर गोष्ठियां एवं मेले आयोजित कर वैज्ञानिक विधियों को समझाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के मा0 प्रधानमंत्री जी चाहते हैं कि किसान की आय दो गुनी हो। सरकार किसान, गरीब, महिला और युवाओं को केंद्र बिंदु मानकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने मोटा अनाज उगाने की अपील करते हुए कहा कि मृृदा की जाँच अवश्य कराएं। पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह भी कहते थे कि किसान खुशहाल रहे। जल्द की किसान भाइयों को पीएम किसान सम्मान निधि की सोलहवीं किस्त मिलने वाली है। सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए ड्रोन दीदी योजना चालू की गई है।वैज्ञानिक के0 डी0 दीक्षित ने बताया कि अब किसान रासायनिक उर्वरकों के बारे में बहुत कुछ जान चुके हैं, परन्तु अधिक उपज के फेर में रासायनिक खादों का अंधाधुंध प्रयोग करने से मिट्टी की सेहत खराब हो रही है। मिट्टी का जीवांश कार्बन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। जाने अनजाने में भूमि की भौतिक रासायनिक जैविक दशा खराब हो रही है। अच्छी फसल के लिए पौधों को 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। बिना जांच-परख के रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग हमारी खेती की लागत को बढ़ा रहा है और उत्पादन को कम करता है। अच्छी उपज के लिए जीवांश कार्बन को बढ़ाना होगा।
ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक भगवती प्रसाद ने कृषि निर्यात नीति 2019 के तहत कृषकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई। मण्डल के सभी एफपीओ से अनुरोध किया कि वह निर्यातोन्मुखी क्लस्टर का निर्माण कराकर नीति के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहनों का लाभ उठाएं। केवीके से डॉ एन0के0 मलिक ने कहा कि आज हम खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बन गए हैं। इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि सभी पोषक तत्व शरीर को मिल जाएं। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचे। रासायनों की निर्भरता को धीरे-धीरे कम करते हुए ट्राइकोडर्मा एवं जैविक खाद का प्रयोग बढ़ाएं। डॉ अशरफ अली ने फसल सुरक्षा के बारे में बताया कि जायद की फसलों में फसलों को कतार में बोएं। फसलों की निरन्तर निगरानी करते रहें यदि कोई पत्ता पीला पड़ता है तो उसको निकाल कर फेंक दें। डॉ सुधीर सारस्वत ने बताया कि फसल सुरक्षा चक्र अपनाते हुए परम्परागत खेती के साथ फूलों की खेती, पशुपालन, सब्जी उत्पादन भी करें, आपकी आय अवश्य बढ़ेगी। आलू और सरसों के खेत खाली होने पर बेल वाली फसल लौकी, तोरई, कद्दू, खीरा को बोने से पहले पालीथिन में पौध तैयार कर लें और खेत तैयार होने पर अच्छी जोताई कर पौध को रोप दें। मेले में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें किसानों ने बढ़-चढ़कर बड़े उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।मा0 अध्यक्ष ने इस अवसर पर किसान मेले में लगे विभिन्न उत्पादों के स्टाॅल का अवलोकन भी किया। किसान मेले में संयुक्त कृषि निदेशक राकेश बाबू, उप कृषि निदेशक यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल, जिला उद्यान अधिकारी डा0 धीरेन्द्र सिंह समेत अन्य विभागीय अधिकारी व बड़ी संख्या में किसान बन्धु उपस्थित रहे।