अलीगढ़

किसान पराली को जलाए नहीं बल्कि करें उचित प्रबंधन पराली जलाने से आमजन के स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव

पराली जलाने वाले किसानों से वसूला गया जुर्माना पराली का उचित प्रबंधन कर स्वयं और खेत की मिट्टी को रखें स्वस्थ

अलीगढ़    फसल अवशेष, कृषि अवशिष्ट जलाये जाने की बढ़ रही घटनाओं के दृष्टिगत जिला प्रदेश स्तर पर शीर्ष पर पहुंच गया है, जिस पर जिलाधिकारी विशाख जी0 द्वारा वीडियों कॉन्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जिले में पराली एवं फसल अवशेष, कूड़ा-करकट जलाने की अत्यधिक घटनाऐं न होने दी जाएं।जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है कि ऐसी स्थिति में गठित उड़न दस्तों को सक्रिय करते हुये अपने-अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण रखने और कृषक व आमजन को जागरुक करते हुये समझायें कि पराली एवं फसल अवशेष न जलायें। किसानों के भारत सरकार द्वारा संचालित फसल अवशेष प्रबन्धन की योजनान्तर्गत फसल अवशेष प्रबन्धन के लिये हैप्पी सीडर, स्मार्ट सीडर, सरफेस सीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चॉपर, श्रेडर, मल्वर, रोटरी स्लैसर, श्रव मास्टर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल, मोल्त बोर्ड प्लाऊ, जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, बेलिग मशीन, स्ट्रा रेक, क्रॉप रीपर कम बाइण्डर एवं एसएमएस यंत्र चिन्हित किये गये है, जिसके क्रम में जिले के समस्त किसानों से अपील की गयी कि पराली न जलायें। यदि किसान पराली, फसल अवशेष, कूड़ा करकट खेत की मेड़ पर या चकरोड़ के किनारे जलाते हैं, तो उस पर भी जुर्माना लगाया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की धारा-24 एवं 26 के मापदण्ड के आधार पर कार्यवाही की जायेगी और 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रूपये 2500-00 प्रति घटना, 02 से
05 एकड़ के लिए रूपये 5000-00 प्रति घटना, 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रुपये 15000-00 प्रति घटना एवं अपराध की पुनरावृत्ति करने पर पुनः अर्थदण्ड व कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा।उप निदेशक कृषि यशराज सिंह ने बताया है कि अब तक जिले में सैटेलाइट के माध्यम से 42 घटनायें चिन्हित हुई है। जिसमें पराली जलाने वाले तहसील खैर एवं गभाना के किसानों से 25000 रूपये वसूल कर कार्यवाही की जा चुकी है। इसके साथ ही तहसील गभाना के ग्राम लालपुर में रामकुमार पुत्र महीपाल सिंह की कम्बाइन हार्वेस्टर एवं तहसील खैर के विकास खण्ड टप्पल में रविन्द्र कुमार पुत्र चन्द्रपाल सिंह, रमनदीप सिंह पुत्र बलविन्दर सिंह एवं राहुल पुत्र महीपाल शर्मा छातंगा जेवर के द्वारा बिना एसएमएस के चलाते हुए पाये गये तो उपजिलाधिकारी खैर द्वारा मौके पर पहुँच कर तत्काल सीज किया गया। जिलाधिकारी द्वारा समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने आवंटित क्षेत्र में स्वयं उपस्थित रहकर पराली न जलाये जाने के लिए किसानों से अपील कर जागरूक करें।
पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से वातावरण प्रदूषित होने के साथ ही दमा, एलर्जी, हृदय रोग, आँख रोग आदि के सम्बन्ध में कृषकों एवं आमजन को जागरूक करें कि पराली एवं फसल अवशेष व कूड़ा-करकट को न जलाकर उसका समुचित प्रबन्धन करें और पराली व फसल अवशेष का चारा बनाकर अपने पशुओं को खिलायें। पराली और कूड़ा करकट को मिट्टी में मिलाकर सड़ा गलाकर बहुमूल्य खाद बनायें और मृदा स्वास्थ्य, मानव, पशु-पक्षी व पेड़-पौधों को स्वस्थ रखते हुये समाज व पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें।

JNS News 24

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