फ्लिपकार्ट यूज़र्स को आकर्षित बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे सेल का आयोजन करता रहता है
फ्लिपकार्ट को एक यूजर का ऑर्डर कैंसल करना इतना महंगा पड़ गया कि उसे यूजर को 10,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ गया.
फ्लिपकार्ट यूज़र्स को आकर्षित बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे सेल का आयोजन करता रहता है. इन सेल के जरिए यूज़र्स को गैजेट्स, स्मार्टफोन या अन्य किसी भी सामान को खरीदे में पैसों की बजत होती, लेकिन कई बार फ्लिपकार्ट, अमेजन या अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म यूज़र्स के ऑर्डर को कैंसल कर देते हैं, जिसकी वजह से यूज़र्स को काफी परेशानी होती है, नए प्रॉडक्ट को खरीदने और इस्तेमाल करने की उनकी उम्मीद टूट जाती है.आमतौर पर ऐसे मामलों में लोग शिकायत नहीं करते, लेकिन जो लोग शिकायत करते हैं, उन्हें उसका फायदा भी होता है. ऐसा ही इस बार फ्लिपकार्ट के साथ हुआ है. फ्लिपकार्ट को एक यूजर का ऑर्डर कैंसल करना इतना महंगा पड़ गया कि उसे यूजर को 10,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ गया. आइए हम आपको इस पूरे मामले के बारे में बताते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्राहक ने 10 जुलाई 2022 को फ्लिपकार्ट से एक आईफोन ऑर्डर किया था. इसके लिए यूज़र ने अपने क्रेडिट कार्ड से 39,628 रुपये की पेमेंट की थी. आईफोन को 12 जुलाई तक यूज़र के पास पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन शिकायतकर्ता ग्राहक के मुताबित फ्लिपकार्ट ने 6 दिन के बाद अचानक उनका ऑर्डर रद्द कर दिया.
ग्राहक ने की शिकायत ग्राहक ने इसकी शिकायत उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग से की, जिसने सुनवाई के बाद फ्लिपकार्ट को गलत तरीके से ट्रेड करना का दोषी पाया. उसके बाद उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने फैसला सुनाया कि फ्लिपकार्ट के द्वारा ऑर्डर कैंसिल करने पर ग्राहक को मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी, इसलिए उसे ग्राहक को 10,000 रुपये का भुगतान भरना पड़ेगा.शिकायत के अनुसार, फ्लिपकार्ट ने याचिकाकर्ता को सूचित किया कि प्रॉडक्ट को डिलीवर करने के कई प्रयास विफल रहे क्योंकि वह अनुपलब्ध थे, जिसके कारण अंततः ऑर्डर को रद्द करना पड़ा. ग्राहक के शिकायत में कथित तौर पर कहा गया है कि उनका ऑर्डर रद्द करने से न केवल उन्हें नुकसान हुआ बल्कि मानसिक उत्पीड़न भी हुआ और उन्हें ऑनलाइन फ्रॉड का सामना करना पड़ा.
फ्लिपकार्ट ने क्या कहा?
जवाब में, फ्लिपकार्ट ने आयोग को सूचित किया कि शिकायतकर्ता ने प्लेटफॉर्म को प्रॉडक्ट का विक्रेता समझ लिया था. ई-कॉमर्स हेड ने कहा कि यह केवल एक मीडियम के रूप में काम करता है जबकि असली प्रॉडक्ट स्वतंत्र थर्ड-पार्टी सेलर्स द्वारा बेचे जाते हैं.फ्लिपकार्ट ने यह समझाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता और विक्रेता के बीच (इंटरनेशनल वैल्यू रिटेल प्राइवेट लिमिटेड) के बीच लेनदेन में उसकी कोई भूमिका नहीं थी. फ्लिपकार्ट ने दावा किया कि गैर-जिम्मेदार ग्राहक के कारण ऑर्डर रद्द कर दिया गया था और विवाद केवल शिकायतकर्ता और विक्रेता के बीच था.
उपभोक्ता अदालत ने क्या कहा?
हालांकि, “उपभोक्ता अदालत ने फ्लिपकार्ट के तर्कों को खारिज कर दिया और पाया कि फ्लिपकार्ट ने ग्राहक को उसी आईफोन को दोबारा ऑर्डर करने के लिए कहा था, और तब तक उसी आईफोन की कीमत 7000 रुपये बढ़ चुकी थी.”उपभोक्ता अदालत ने आगे कहा कि, “फ्लिपकार्ट ने अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया था, जो व्यापार करने का एक गलत तरीका है. हालांकि शिकायतकर्ता को रिफंड मिल गया है, लेकिन फ्लिपकार्ट द्वारा उसके आदेश को एकतरफा रद्द करने के कारण उसे जो मानसिक उत्पीड़न और पीड़ा हुई, उसके लिए उसे मुआवजा दिया जाना चाहिए.”इस तरह से अंत में उपभोक्ता अदालत ने फ्लिपकार्ट को मानसिक उत्पीड़न और पीड़ा के मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये और लागत के रूप में 3,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया.