गृहस्थजनों के लिए 6 जून दिन शुक्रवार को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाएगा और 7 जून को साधु संत एकादशी तिथि का व्रत करेंगे.
निर्जला एकादशी के व्रत में सूर्योदय से लेकर द्वादशी तिथि तक जल ग्रहण नहीं किया जाता

गृहस्थजनों के लिए 6 जून दिन शुक्रवार को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाएगा और 7 जून को साधु संत एकादशी तिथि का व्रत करेंगे. निर्जला एकादशी के व्रत में सूर्योदय से लेकर द्वादशी तिथि तक जल ग्रहण नहीं किया जाता है. अक्सर आपने सुना होगा कि एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं किया जाता. लेकिन यह बात पूरी तरह सच है. आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन चावल का सेवन क्यों नहीं किया जाता.6 जून को गृहस्थजन निर्जला एकादशी का व्रत करेंगे.एकादशी पर चावल खाने से व्रत का फल नहीं मिलता.चावल का सेवन प्रेत्योनियों को आकर्षित करता है. सनातन धर्म में वैसे तो सभी एकादशियों का विशेष महत्व है लेकिन इन सभी में निर्जला एकादशी को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत करने से भक्तजनों को वर्षभर की सभी एकादशियों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि द्वादशी तिथि तक पानी की एक बूंद भी ग्रहण नहीं की जाती इसलिए इस तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. आपने अक्सर बुजुर्गों को यह कहते सुना होगा कि एकादशी के दिन चावल मत खाना! लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है? क्या यह सिर्फ धार्मिक नियम है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह भी छुपी है. आइए जानते हैं एकादशी के दिन चावल का सेवन क्यों नहीं किया जाता…