कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा का नामांकन भरा
रायबरेली में भी कमल ही खिलेगा, मोदी युग में घर-घर सेवा और सम्मान मिल रहा है.
परंपरागत सीट रायबरेली की जनता के लिए एक भावनात्मक चिट्ठी लिखी और उन्हें अपना परिवार बताया. कांग्रेस नेता के इस पत्र के जवाब में अब यूपी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली वासियों को एक और पत्र लिखा है और गांधी परिवार पर निशाना साधा और उन्हें धोखेबाज़ कहा. दिनेश सिंह पिछले लोकसभा चुनाव में रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी थे. दिनेश सिंह ने लिखा, गांधी परिवार ने रायबरेली के लोगों को धोखा दिया है. धोखा देना इस परिवार की प्रवृत्ति रही है. राहुल गांधी, राहुल गांधी की माता जी और उनके चाचा जी को कई बार अमेठी ने सांसद बनाया लेकिन धोखा मिला. इसी तरह रायबरेली में भी इंदिरा गांधी, फ़िरोज़ गांधी और अन्य परिजनों को सांसद बनाया लेकिन सोनिया गांधी भी रायबरेली को छोड़कर राजस्थान चली गईं.
सोनिया गांधी की चिट्ठी पर पलटवार
बीजेपी नेता ने कहा कि सोनिया गांधी रायबरेली से इसलिए जा रही है क्योंकि उन्होंने पता है कि इस बार वो चुनाव हार जाएंगी. उन्होंने अपनी पीढ़ियों के नाम पर वो लोगों को भावनात्मक तौर पर गुमराह करने करने की कोशिश कर रही हैं. इसलिए पहली बार उन्होंने अपने ससुर फ़िरोज़ खान का भी नाम लिखा है, जो शायद सबसे बदनसीब होंगे कि आज तक पत्नी, बेटे और बहू या गांधी परिवार के किसी सदस्य ने आज तक उनकी मज़ार पर एक फूल तक नहीं चढ़ाया. गांधी परिवार ने जिसको राजनैतिक फ़ायदे के लिए उपयोगी समझा उसका नाम रटने लगा और जिससे फ़ायदा नहीं होता उसे परिवार मानने से भी इनकार कर देते हैं. दिनेश सिंह ने सोनिया गांधी के जल्द मिलने के वादे पर कहा कि ये सुनकर दुख होता है, जो चुनाव जीतने के बाद सर्टिफिकेट तक लेने नहीं आईं, कोरोना काल में लोगों का दर्द बांटने न आईं हो उन्हें आज रायबरेली की याद आ रही है. उन्होंने कहा कि, आप देश के तमाम राज्यों और देश दुनिया के दौरे पर जाती है लेकिन क्या रायबरेली इन सब जगहों से दूर हैं. एक भी बार आपने रायबरेली के सम्मान और विकास की आवाज़ नहीं उठाई. रायबरेली और अमेठी में अब ये कार्ड नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि अब रायबरेली में भी कमल ही खिलेगा, मोदी युग में घर-घर सेवा और सम्मान मिल रहा है.