पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट में बहुत तेजी से रिटायमेंट आ रहे हैं
आकाश चोपड़ा ने क्यों कही यह बात
न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका की स्क्वाड में सात अनकैप्ड खिलाड़ियों को जगह मिलने के बाद से टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व पर खूब बहस हो रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोटियाज टीम के बड़े खिलाड़ी न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलने नहीं जा रहे हैं और उन्होंने टेस्ट के बजाय अपने देश की टी20 लीग (SA20) में खेलने को प्राथमिकता दी है. दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों के इस फैसले को दुनियाभर के पूर्व क्रिकेटर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच हेनरिक क्लासेन के टेस्ट रिटायरमेंट ने इस बहस को और गर्मी दे दी है.दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है. वह वनडे और टी20 खेलना जारी रखेंगे. उनके इस फैसले के बाद अब तक कई पूर्व क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व पर संकट की बात कर चुके हैं. अब इस लिस्ट पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि टेस्ट क्रिकेट वर्तमान में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है.
‘टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना ट्रेंड बन गया है’
अपने यू-ट्यूब चैनल पर आकाश कहते हैं, ‘टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेना एक तरह का ट्रेंड बन गया है. यह बहुत तेजी से आ रहे हैं. मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है. वर्तमान में यह टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व का ही मामला बन गया है. क्रिकेट जगत के सामने फिलहाल यह सबसे बड़ा संकट है.’
‘खिलाड़ी टी20 लीग के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट छोड़ रहे’
आकाश कहते हैं, ‘खिलाड़ी अपने क्रिकेट बोर्ड्स के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट रिजेक्ट कर रहे हैं. इन अनुबंधों से खिलाड़ी बंधे हुए रहते हैं. अब वह खुले पक्षी की तरह होना चाहते हैं. कुछ खिलाड़ी तो इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से ही संन्यास लेने लगे हैं. एक खिलाड़ी की उम्र 32 साल है और वह 37 साल तक क्रिकेट खेल सकता है तो वह अपने वक्त का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेना चाहता है. यहां खिलाड़ी भी गलत नहीं है. उन्हें आगे भी अपने परिवार की देखभाल करनी है. वह अपने हिसाब से सही फैसले ले सकते हैं. हम उनकी जिंदगी से जुड़े सही फैसले नहीं ले सकते.’