यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव गुरुवार को लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन करेंगे.
24 अप्रैल को ही यह क्यों तय हो पाया कि अखिलेश चुनाव लड़ेंगे.अखिलेश की पहले ना...फिर हां...कन्नौज के टिकट में ट्विस्ट की पूरी कहानी क्या है
समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव गुरुवार को लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन करेंगे. अखिलेश दोपहर 12 बजे नामांकन करेंगे. अब सवाल यह उठ रहे हैं कि लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले से लेकर आज चुनाव के चौथे चरण के नामांकन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले यानी 24 अप्रैल को ही यह क्यों तय हो पाया कि अखिलेश चुनाव लड़ेंगे. अखिलेश की पहले ना…फिर हां…कन्नौज के टिकट में ट्विस्ट की पूरी कहानी क्या है और कब क्या हुआ आईए जानते हैं- 21 अप्रैल तक इस पर सस्पेंस बरकरार था कि कौन चुनाव लड़ेगा. 22 अप्रैल को अखिलेश ने तेज प्रताप यादव को टिकट दिया. 23 अप्रैल को कन्नौज के बड़े नेताओं ने पुनर्विचार के लिए कहा. इसी दिन अखिलेश यादव से चुनाव लड़ने की अपील की गई. फिर अखिलेश यादव चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुए. 24 अप्रैल कोअखिलेश के चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा हुई.
कन्नौज में सपा से अखिलेश यादव और बीजेपी के सुब्रत पाठक के बीच टक्कर होगी. अखिलेश यादव आज नामांकन करने वाले हैं तो वहीं उनकी टक्कर में बीजेपी की तरफ से सुब्रत पाठक मैदान में हैं. अखिलेश ना सिर्फ कन्नौज में बल्कि पूरे चुनाव में जीत की हुंकार भर रहे हैं तो सुब्रत पाठक भी अखिलेश पर निशाना साधने में देर नहीं लगा रहे हैं.अब सवाल यह उठ रहे हैं कि अखिलेश कन्नौज क्यों गए?पहले दौर की वोटिंग के बाद सपनों की उड़ान? अखिलेश का दावा है कि पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ. सपा का दावा है कि पहले चरण की सभी 8 सीटों पर वह बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है.क्या अखिलेश के मन में भी पीएम बनने की लालसा? INDIA अलायंस की ओर से अभी तक यह फैसला नहीं हुआ है. ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या अखिलेश के मन में पीएम बनने की लालसा जाग गई है?कन्नौज में पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं का दबाव? कन्नौज के पार्टी नेताओं ने भी अखिलेश पर इस बात का प्रेशर डाला था कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें. लखनऊ में अखिलेश से नेताओं ने मुलाकात की थी.सपा के लिए कन्नौज क्यों जरूरी? 1998 से 2014 तक सपा का कब्जा रहा है. साल 1998 में सपा से प्रदीप कुमार यादव, साल 1999 में मुलायम सिंह यादव , साल 2000 में उपचुनाव अखिलेश यादव , साल 2004 में अखिलेश यादव , साल 2009 में अखिलेश ने फिर चुनाव जीता, साल 2014 में डिंपल यादव जीतीं. साल 2019 में डिंपल हारीं और सुब्रत पाठक ने जीत दर्ज की.