उत्तरप्रदेश

चार सदस्यीय टीम ने ईओ और पालिकाध्यक्ष के बयान दर्ज किए

पालिका के सभासदों ने कमिश्नर और डीएम से शिकायत की थी।

रिपोर्ट डॉ आसिफ सिद्दीकी

अमरोहा।गजरौला (अमरोहा)।पालिकाध्यक्ष व ईओ के बीच चल रहे विवाद और सभासदों की ओर से पालिकाध्यक्ष व उनके पति पर लगाए गए आरोपों की जांच करने मंगलवार को टीम गजरौला पहुंची। चार सदस्यीय टीम ने पालिकाध्यक्ष, ईओ और सभासदों के बयान दर्ज किए। शिकायतों के सबूत मांगे। उधर जांच टीम के सामने ही कुछ सभासदों ने उनके वार्ड की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पालिका के सभासदों ने कमिश्नर और डीएम से शिकायत की थी। जिसमें पालिकाध्यक्ष राजेंद्री उर्फ उमा देवी व उनके पति पूर्व विधायक हरपाल सिंह पर पालिका में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने सहित कई आरोप लगाए थे। उधर, पालिकाध्यक्ष ने ईओ पर नगर पालिका के विकास कार्य में रोड़ा बनने और टेंडर न निकालने का आरोप लगाया था। ईओ ने पालिकाध्यक्ष और उनके पति पर झूठे केस में फंसाने की कोशिश का भी आरोप लगाया था। जिसकी जांच के लिए कमिश्नर ने चार सदस्य समिति गठित की। जिसमें अपर आयुक्त शशि भूषण, एडीएम न्यायिक माया शंकर यादव, मुख्य कोषाधिकारी कुंदन झा, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता गौरव रंजन शामिल हैं। जांच समिति सदस्य मंगलवार को दोपहर बाद जांच करने आए। पालिका सभागार में बैठकर जांच समिति के अफसरों ने सभासदों अरविंद यादव, मनु शर्मा, पुष्पा चौधरी, विनीता अग्रवाल, कपिल उर्फ भानू, सरताज अहमद, राजपाल सिंह से पालिकाध्यक्ष व उनके पति पर लगाए गए आरोपों की शिकायत के सबूत मांगे। भानपुर वार्ड में जिस सड़क पर मिट्टी डाल कर 2.18 लाख रुपये निकालने की शिकायत है, उसके क्या सबूत हैं। जिस पर सबूत मुहैया कराए।
मानक से कम पाए गए नाले के भी सबूत सौंपे। इसके बाद जांच टीम ने ईओ दीपिका शुक्ला से भी पूछताछ की कि जटायू मशीन का क्या प्रकरण है। इसका टेंडर क्यों नहीं निकाला जा रहा है। ईओ ने कहा कि जटायू मशीन की नगर में जरूरत नहीं है। उन्होंने जांच समिति को बताया कि पालिकाध्यक्ष पति अपने चहेते ठेकेदार को ठेका देने के लिए जटायू मशीन के टेंडर पर अड़े हैं। टीम ने पालिकाध्यक्ष, सभासदों और ईओ के बयान दर्ज किए। एडीएम ने बताया कि जांच पूरी नहीं हुई है। अगले दिन भी की जाएगी।
सभासदों ने हंगामा कर उपेक्षा का लगाया आरोपजांच समिति के सामने आंबेडकर नगर के सभासद रौनकी सहित अन्य सभासदों ने हंगामा किया। कहा कि उनके वार्ड अनुसूचित बाहुल हैं। जिनमें तमाम समस्याएं हैं। उनमें विकास नहीं कराए जा रहे। आरोप लगाया कि उनके साथ ईओ और अन्य कर्मचारियों का बर्ताव अच्छा नहीं रहता। हंगामा कर रहे सभासदों को किसी तरह समझा कर शांत किया।वर्जन राजेंद्री उर्फ उमा देवी, पालिकाध्यक्ष गजरौला। जांच करने आई टीम ने बयान दर्ज किए है। भानपुर वार्ड में नाला कम होने के बावजूद भुगतान पर बता दिया गया कि नाला टूट गया था। जिसे पूरा करा दिया गया। ठेकेदार की जमानत राशि जमा है। जो भुगतान किए गए हैं, उनको डीएम के अनुमोदन पर किया गया है। जिसमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है।

JNS News 24

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